बेगूसराय: जिले के खोदावंदपुर मुसहरी पहुंची एक लड़की खुद को शादीशुदा बताकर अपने ससुराल आने की बात करने लगी. लेकिन पति और ससुराल वाले उसे अपनाने से इनकार करते रहे थे. जिसके बाद पीड़िता काजल ने खोदावंदपुर थाना पुलिस को आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई. जिसके 12 दिनों के बाद ससुराल वाले बहु को अपनाने के लिए तैयार हो गए.
पुलिस से न्याय की गुहार
काजल ने स्थानीय थाना में लिखित शिकायत देकर पुलिस से न्याय की गुहार लगायी थी. जिसके बाद प्रशासन ने मुखिया के सहयोग से काजल को दीवार फंदवाकर अपने पति के घर में प्रवेश करवाया. जहां दो दिनों तक वह भूखे-प्यासे रह रही थी. आस-पड़ोस के लोग काजल से बात करने और खाना-पीना देने में डरते थे. मामला मीडिया के सुर्खियों में आया, तब जाकर स्थानीय पुलिस ने वहां एक चौकीदार को प्रतिनियुक्त किया. उसके माध्यम से काजल को खाना-पीना मिलने लगा.
गांव में बिरादरी की बैठक
काजल के गांव वाले से शिकायत करने के बाद गांव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और कुशवाहा समाज की बैठक हुई. पंचों ने काजल और उसके पति बंटी का बयान लिया. जिसमें दोनों ने शादी करने और विगत तीन वर्षों से बतौर पति-पत्नी के रुप में रहने की बात स्वीकार की. तब जाकर इस महापंचायत ने दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता करवाया. जिसमें बंटी के पिता और उसके परिजनों ने बतौर काजल को बहू के रुप में स्वीकार किया.
क्या है मामला
बता दें कि बखरी प्रखंड के रामपुर गांव निवासी रामनंदन महतो की 23 वर्षीय बेटी काजल कुमारी को खोदावंदपुर पंचायत के मुसहरी गांव स्थित वार्ड 12 निवासी राजेन्द्र महतो के बेटे सुमित कुमार उर्फ बंटी से प्यार हो गया. 2016 में पहली बार दोनों बखरी के हेमनपुर में अपने एक रिश्तेदार के यहां आये हुए थे. यहीं पर दोनों मिले थे. जिसके बाद दोनों ने मंदिर में जाकर शादी कर ली थी. काजल ने समझौता पत्र संलग्न करते हुए स्थानीय थाना में एक लिखित आवेदन दिया है. इसमें अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ पूर्व में दिये गये आवेदन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध थानाध्यक्ष से किया गया.