बेगूसराय: आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम पर हो रही कार्रवाई को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई बता रही है. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पी चिदंबरम पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा है कि चिदंबरम घोटाले के किंगपिन थे, जिसके खिलाफ कार्रवाई हुई.
कार्यकर्ताओं संग बैठे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह गिरिराज ने कहा कि कांग्रेस और चिदंबरम देश के सामने झूठा भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और चिदंबरम पहले हुई नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के ऊपर हुई कार्रवाई का बदला बता कर लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं.
घोटाले के किंगपिन थे चिदंबरम- गिरिराज
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चिदंबरम घोटाले के किंगपिन थे. उनके नाम पर पैसे आये थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव से पहले ही कहा था कि कुछ लोग जेल के गेट पर हैं, चुनाव के बाद वो जेल के अंदर होंगे. ऐसे में कांग्रेस का आरोप पूरी तरह झूठा है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. मोदी लोगों को डराने का काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने कार्य से देश के लोगों की तालियां बटोर रहे हैं.
'चिदंबरम पर कार्रवाई आर्थिक अपराध का हिस्सा'
गिरिराज सिंह ने कहा कि देश में अगस्त महीने में दो बड़ी कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि अपराधी अपराधी ही होता है, चाहे वह आर्थिक अपराध ही क्यों ना हो. चिदंबरम पर कार्रवाई आर्थिक अपराध का हिस्सा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी ने भारत में एक कानून लाने का काम किया है. चिदंबरम पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि चिदंबरम अगर जिम्मेदार व्यक्ति होते तो अपराधी की तरह 28 घंटे तक भागे-भागे नहीं फिरते. वह देश के पूर्व वित्त मंत्री और एक वरिष्ठ वकील भी रह चुके हैं. बावजूद इसके उन्होंने बेल नहीं मिलने के बाद भी कोर्ट में सरेंडर नहीं किया.
क्या है पूरा मामल
गौरतलब है कि पी चिदंबरम पर सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया समूह के साथ विदेशी निवेश में कुछ अनियमितता का आरोप लगाया है. जिसके लेकर सीबीआई ने उन्हें कई बार समन जारी कर बुलाया लेकिन वह फरार हो गए. जिसके 27 घंटे बाद चिदंबरम ने एआईसीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसके बाद सीबीआई ने उन्हें उनके घर से उठा लिया. एजेंसी का आरोप है कि फंड ट्रांसफर के वक्त पी चिदंबरम ही वित्त मंत्री थे. तो ऐसे में उनकी जानकारी में ही फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड की मंजूरी से ज्यादा फंड विदेश से लाए गये. खास बात यह है कि जिस कंपनी ने यह फंड ट्रांसफर किया था. उस कंपनी पर पी चिदंबरम के बेटे कार्ति का नियंत्रण है.