बेगूसराय:जिले के सदर अस्पताल जो देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर था. उसको बदल कर केवल सदर अस्पताल कर दिया गया है. जिससे राजेन्द्र प्रसाद के चाहने वाले प्रशासन से नाराज है और उनकी मांग है कि जल्द से जल्द इसको लगाया जाए, वरना इसको लेकर आंदोलन करना पड़ेगा.
सदर अस्पताल से हटाया राजेंद्र प्रसाद का नाम
दरअसल कुछ सालों पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल बेगूसराय था. लेकिन अब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का नाम हटाकर सिर्फ सदर अस्पताल बेगूसराय लिखवा दिया गया है. जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों ने सवाल खड़े किए हैं.
क्या है अस्पताल से नाम हटाने की वजह सौंदर्यीकरण के नाम पर बदलाव
बताया जाता है कि साल 2017 से पहले सदर अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल रखा गया था, लेकिन सदर अस्पताल के सौंदर्यीकरण के लिए रंग रोगन करवाया गया और उसी दौरान राजेंद्र बाबू के नाम को अस्पताल के बोर्ड से मिटा दिया गया.
क्या है अस्पताल से नाम हटाने की वजह
सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप सिन्हा ने बताया कि पहले में हर हर महादेव चौक पर स्थापित राजेंद्र बाबू की प्रतिमा को इसलिए सदर अस्पताल में लाया गया था क्योंकि बेगूसराय सदर अस्पताल राजेंद्र बाबू के नाम से संचालित था. इसमें एनएच के विस्तारीकरण के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा एनएच से हटाकर जिला प्रशासन की देखरेख में सदर अस्पताल में स्थापित की गई. उन्होंने कहा कि तब से इस अस्पताल का नाम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद सदर अस्पताल था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की मनमानी की वजह से उनके नाम को मिटाने की कोशिश की जा रही है. जिससे बेगूसराय के लोग मर्माहत हैं.
सदर अस्पताल के बोर्ड से हटाया गया डॉ राजेंद्र प्रसाद का नाम प्रशासन करे जांच
जिला नगर निगम के पूर्व मेयर अशोक अग्रवाल ने कहा कि अगर राजेंद्र बाबू के नाम से सदर अस्पताल का नाम था तो प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए कि आखिर चूक कहां हुई. किस वजह से उनके नाम को हटाना पड़ा. क्योंकि राजेंद्र बाबू एक आम व्यक्ति नहीं देश रत्न और भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे. अशोक अग्रवाल ने बताया राजेंद्र बाबू के नाम पर जिले में राजेंद्र पुल, सुधा डेयरी सहित तमाम कई लैंड मार्क पहले से स्थापित हैं. तो सदर अस्पताल का नाम किसके आदेश से बदल दिया गया. प्रशासन इसमें हस्तक्षेप कर अविलंब राजेंद्र बाबू के नाम को पुनः स्थापित करे.