बेगूसरायःजिले के हड़ताली चौक पर 21 सूत्री मांगों के समर्थन में बुधवार को सीपीआई ने एक विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया. इस मौके पर भारी संख्या में सीपीआई के कार्यकर्ता, कई पूर्व एमएलसी और पूर्व एमएलए मौजूद रहे. कार्यकर्ताओं की मांग है कि बेगूसराय को बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए जिले का अकाल क्षेत्र घोषित किया जाए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन करेंगे.
सीपीआई के धरना प्रदर्शन में सैकड़ों महिला कार्यकर्ता शामिल हुई हड़ताली चौक पर किया गया धरना प्रदर्शन
बेगूसराय को अकाल क्षेत्र घोषित नहीं किए जाने को लेकर लगातार आंदोलन का दौर जारी है. खुद सत्ता पक्ष के सांसद गिरिराज सिंह भी इस मांग को दोहरा चुके हैं. इसी कड़ी में आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से एक विशाल धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. शहर के हड़ताली चौक पर आयोजित धरना प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में पुरुष और महिला कार्यकर्ता शामिल हुए.
21 सूत्री मांग को लेकर सीपीआई का विशाल धरना प्रदर्शन धरना प्रदर्शन की मुख्य मांगे:
- बाढ़ और सूखा के कारण जिले की फसल समाप्त हो रही है
- रोजगार नहीं मिल रहा है
- जिले को अकाल क्षेत्र घोषित किया जाए.
- बाढ़ प्रभावित प्रखंड के पंचायतों को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया जाए
- नाव की पर्याप्त व्यवस्था और खाने के पैकेट की व्यवस्था
- काम मिलने तक राशन और अन्य सुविधा
- मवेशियों के लिए चारा और परिवार के लिए पर्याप्त दवा
- हेल्थ कैंप का आयोजन
- रहने की जगह पॉलिथीन और पेयजल का इंतजाम
- किसान मजदूरों का बकाया ऋण माफ हो
- बाढ़ सुखाड़ से क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा दिया जाए
- रवि फसल बुआई हेतु नया ऋण भी दिया जाए
CPI के नेतृत्व में किसानों ने किया प्रदर्शन
जमुई में भी जिला मुख्यालय पर CPI के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा. हजारों किसानों ने जिला मुख्यालय समाहरणालय का घेराव कर प्रदर्शन किया.
CPI के झंडे तले किसानों ने जन प्रदर्शन किया किसान-मजदूरों को दिया जाए पेंशन
वहीं, धरना स्थल पर सीपीआई के जिला सचिव नवल किशोर सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया जाए. जिलाधिकारी ने गलत रिपोर्टिंग करके जमुई के 10 प्रखंड में से मात्र 8 प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया है. उसमें भी किसी प्रखंड में 5 पंचायत तो किसी प्रखंड में 6 पंचायत कई पंचायतों को तो छोड़ दिया है. सरकार से मांग है किसानों और मजदूरों का सारा कर्ज माफ किया जाए. पूरे जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया जाए. जिन किसान मजदूरों को पिछले 3-4 सालों से पेंशन नहीं मिला है और बंद कर दिया गया है उसे चालू किया जाए और पहले से बढ़ाकर राशि दी जाए.