बेगूसराय: जिले के सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी मनीष कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के उस मिथक को तोड़ने का काम किया है, जहां माना जाता है कि सरकारी अस्पताल में अच्छा इलाज नहीं होता है. या फिर यहां बच्चे की डिलीवरी करने की सही व्यवस्था नहीं है. मनीष कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी मांडवी ने अपने बच्चे को जन्म देने के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल को चुना.
आम की ही नहीं खास लोगों की भी पहली पसंद बना बेगूसराय सदर अस्पताल - मनीष कुमार मिश्रा
सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी मनीष कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी ने बेगूसराय के सदर अस्पताल में अपने बच्चे की डिलीवरी करवाया है. उन्होंने समाज को संदेश दिया है कि सरकारी अस्पताल में सिर्फ आम लोग ही नहीं जाते. बल्कि, यह खास लोगों के लिए भी बेहतर है.
बेगूसराय सरकारी अस्पताल
बच्चे के जन्म के लिए चुना सदर अस्पताल
लोगों में ऐसी धारणा है कि सरकारी अस्पताल में सिर्फ आम लोग ही इलाज के लिए जाते हैं. लेकिन यहां का सदर अस्पताल इन धारणाओं को धीरे-धीरे तोड़ने का काम कर रहा है. जहां अब आम लोग ही नहीं बल्कि खास लोग भी इलाज के लिए यहां पहुंच रहे हैं. ऐसा ही कुछ नजारा बुधवार को देखने को मिला जब बेगूसराय के सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी की पत्नी ने सदर अस्पताल को अपने बच्चे को जन्म देने के लिए चुना. जहां उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया.
सरकारी अस्पताल की तारीफ की
मनीष कुमार मिश्र ने कहा कि यहां आकर उन्होंने स्वास्थ्य की व्यवस्था को देखकर इसकी खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था निजी क्लीनकों में नहीं हो सकती है. साथ ही कहा कि सरकारी अस्पताल में अगर किसी भी संस्था के व्यवस्थापक और वहां के कर्मचारी व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर और सजग रहेंगे तो अस्पताल की मान्यताएं बदलने में देर नहीं लगेगी.