बेगूसरायः जिले के दत्तक ग्रहण स्थान से एक स्वीडन दंपति ने 9 महीने की बच्ची को गौद लिया है. 9 महीने की सांची अब सात समुंदर पार स्वीडन में पलेगी. बता दें कि यह दंपति पहले भी एक बच्चे को गौद ले चुके हैं. लेकिन उन्हें एक बेटी की कमी महसूस होती थी. जिसे सांची ने पूरा कर दिया.
बेगूसराय दत्तक ग्रहण स्थान से सांची को गोद लिया
स्वीडन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में सेल्समैन का काम करने वाले एलेक्जेंडर होफ और उनकी पत्नी एलेक्जेंडर एवेयुना होफ की कोई संतान नहीं थी. स्वीडन दंपत्ति ने सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के मदद से बेगूसराय दत्तक ग्रहण स्थान से सांची को गोद लिया. पहली ही नजर में सांची ने इस दंपति के चेहरे पर मुस्कान भर दिया.
सांची को नई जिंदगी मिल गई
दत्तक ग्रहण स्थान कन्वेयर ऋतु सिंह ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि सांची को नई जिंदगी मिल गई है. अब उसकी दुनिया बदल जाएगी. स्वीडन में वह अपने माता पिता के साथ बेहतर जिंदगी जिएगी. गौरतलब है कि सांची एक ऐसी लड़की है जिसे उसके माता-पिता ने जन्म के 5 दिन बाद ही मरने के लिए फेंक दिया था. लेकिन सांची की कहानी यह कहावत को सच कर देती है कि "जाको राखे साइयां, मार सके न कोय".