बेगूसराय:बिहार के बेगूसराय में एक डॉक्टर से 20 करोड़ रंगदारी मांगे जाने का मामला उलझता जा रहा है. पुलिस का दावा है कि पत्र में जिस ठाकुर गिरोह का जिक्र किया गया है, वैसा कोई गिरोह नहीं है. इस संबंध में बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि अब तक की जांच में पूरा मामला संदेहास्पद लग रहा है. मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें पत्र लिखने वाला भी है. स्पेशल टीम इन सभी से पूछताछ कर रही है. एसपी ने कहा कि रविवार तक पूरे मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा.
बच्चे की मौत से था दुखी: एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि पूछताछ में डॉक्टर द्वारा पिछले संडे को लैंड लाइन पर आये फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाला भी शामिल है. लेकिन पूछताछ में जो बाते सामने आयी है, उसके हिसाब से एक व्यक्ति के बच्चे का डॉक्टर द्वारा तीन-चार दिनों के इलाज किया गया था. बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत से दुखी और गुस्से में आकर उस व्यक्ति द्वारा फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. लेकिन किसी तरह की रंगदारी नहीं मांगी गई थी. उस व्यक्ति के द्वारा बाद में डॉक्टर से माफी भी मांग ली गई.
एक दूसरे को फंसाने की साजिशः योगेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टर से पत्र के माध्यम से 20 करोड़ की रंगदारी मांगे जाने के मामले मे जिसके नाम से चिट्ठी लिखी गई थी पुलिस ने उसको भी हिरासत में लिया है. जिसके बाद उस लड़के और उस चिट्ठी की हैंडराइटिंग को मैच करायी गया तो वह हैंडराइटिंग अलग-अलग थी. हिरासत में लिए गए लड़के के फोन को भी चेक किया गया. उसके फोन से डॉक्टर को कोई भी कॉल नहीं किया गया. ना ही वो डॉक्टर को जानता था. पत्र में लड़के के पूरे परिवार का नाम लिखा था. जांच में यह बात सामने आई है कि गांव में उस परिवार का दूसरे परिवार से झगड़ा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फंसाने की नीयत से इस प्रकार की चिट्ठी लिखी गई है.