बेगूसरायःबिहार के बेहतर नगर निगम का का दावा करने वाले बेगूसराय नगर निगम की सफलता ग्राउंड जीरो पर टांय-टांय फिस है. पर्व त्योहार के मौसम में बजबजाती गंदगी और नालों से निकला पानी कई मोहल्ले की पहचान बन गई है. हम बात कर रहें हैं वार्ड नंबर 36 की. जहां 400 आबादी बीते आठ साल से गंदगी के अंबार में अपनी जिंदगी गुजार रही है.
गंदगी से परेशान हैं लोग
लोक आस्था का महापर्व छठ बिहार की पहचान है. ऐसे में इस अवसर पर दूरदराज से लोग बिहार पहुंचते हैं. इस पर्व को काफी निष्ठा और श्रद्धा से मनाया जाता है. लेकिन बात अगर बेगूसराय नगर निगम के इलाके की करें तो कचरे का अंबार और नालियों से निकला पानी यहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है.
गंदगी का अंबार और जानकारी देते स्थानीय लोग वार्ड संख्या 36 की हालत बदतर
वैसे तो कमोबेश नगर निगम के आधे से ज्यादा वार्डों की स्थिति गंदगी और कचरा को लेकर एक जैसी है. लेकिन वार्ड संख्या 36 के लोग नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से एक ही सवाल करते हैं कि आखिर उनकी खता क्या है? किस जुर्म की सजा होने दी जा रहे है. क्योंकि बीते 8 साल से इस मोहल्ले के लोग नाली के गंदे पानी से घिरे हुए हैं. कचरे के ढेर और नाली के पानी से होकर गुजरना इनकी नियति बन गई है.
सफाई के लिए लगाई गई गुहार
इस समस्या के समाधान के लिए एसडीएम, डीएम, मंत्री, विधायक सभी के पास मोहल्ले के लोग मदद मांगने गए. लेकिन सिर्फ आश्वासन देखकर इन्हें विदा कर दिया जाता है. मोहल्ले के प्रबुद्ध लोग और महिलाओं का कहना है कि सालों भर किसी तरह कट जाता है. लेकिन छठ के दौरान पूजा के लिए श्रद्धा और स्वच्छता की आवश्यकता होती है. जिस तरीके से मोहल्ले में हालात पैदा हो गए हैं, वैसे में छठ पर्व मनाने में नाकों चने चबाने पड़ेंगे.
एसडीएम ने दिया सफाई का आश्वासन
स्थानीय लोगों ने नगर निगम और जिला प्रशासन पर भेदभाव और लापरवाही का आरोप लगाया है. साथ ही अविलंब इस समस्या को दूर करने की मांग कर रहे हैं. जब इस मामले पर एसडीएम संजीव चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने अविलंब इस समस्या के निदान का भरोसा दिया.
गंदगी के अंबार पर खड़े लोग