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किसान आंदोलन को बदनाम कर 'गृह युद्ध' में देश को झोंकना चाहती है मोदी सरकार- एपवा

किसान महासभा के जिला सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अडानी-अंबानी की न्यू ईस्ट इंडिया कंपनी 'तीन कठिया' प्रणाली लागू करके किसानों के अपनी जमीन पर अपने मन की खेती करने के अधिकार को ही समाप्त कर देना चाहती है. लेकिन यह किसानों को मंजूर नहीं है.

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Published : Jan 19, 2021, 3:42 PM IST

बेगूसराय: जिले में अखिल भारतीय किसान महासभा और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने संयुक्त प्रतिवाद मार्च निकाला. यह मार्च महिला किसान एकजुटता दिवस के अवसर पर निकाला गया. भाकपा माले कार्यालय कमलेश्वरी भवन से कार्यकर्ताओं ने बैनर झंडा और प्लेकार्ड के साथ मार्च निकाला, जो कैंटिन चौक पहुंचकर सभा में बदल गई. इसकी अध्यक्षता एपवा नेता किरण देवी ने किया.

'खेती करने के अधिकार को ही समाप्त करना है मकसद'
किसान महासभा के जिला सचिव बैजू सिंह ने कहा कि अडानी-अंबानी परस्त मोदी सरकार किसान आन्दोलन को बदनाम कर देश को गृहयुद्ध में धकेल देना चाहती है. लेकिन किसानों ने भी ठाना है कि हमने अंग्रेजों के 'तीन कठिया' प्रणाली को धत्ता बताया और नील की खेती बंद करके अंग्रेजों को मार भगाया. प्रधानमंत्री मोदी अडानी-अंबानी की न्यू ईस्ट इंडिया कंपनी 'तीन कठिया' प्रणाली लागू करके किसानों के अपनी जमीन पर अपने मन की खेती करने के अधिकार को ही समाप्त कर देना चाहती है. यह किसानों को मंजूर नहीं है.

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30 जनवरी को होगा मानव श्रृंखला का निर्माण
बैजू सिंह ने कहा किसान आन्दोलन पानी की बौछार, पुलिस के डंडे और सड़कों के गड्ढे को धत्ता बताकर निर्बाध गति से बढता जा रहा है. ऐसे में सरकार के इशारे पर संचालित एनआइए किसान नेताओं को नोटिस थमाकर आन्दोलन को पीछे ढकेलने की हताशाभरी साजिश कर रही है. साथ ही सरकार देश की जनता को भ्रमित करके आन्दोलन पर बर्बर दमन कर जलियांवाला बाग दोहराना चाहती है. इस दौरान नेताओं ने कहा अब 25 जनवरी को हम मशाल जुलूस निकालेंगे और 30 जनवरी को आयोजित महागठबंधन के मानव श्रृंखला को बड़ी गोलबंदी के साथ सफल करेंगे.

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