बांका:सरकार व प्रशासन चाहे विकास के लाख दावे कर ले, लेकिन अक्सर ही ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आती है, जो उनके दावों की पोल खोलती नजर आती है. सरकार का कहना है कि बिहार में विकास की गंगा बहाई जा रही है. सड़क, हाइवेज, एयरपोर्ट आदि का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है ताकि व्यापार, रोजगार जैसी चीजों को बढ़ावा मिल सके, लेकिन दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों से जो तस्वीर निकलकर सामने आती है, वो बेहद ही चौंकाने वाली होती है.
मिनटों की दूरी, घंटों में तय करते थे ग्रामीण: आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के अभाव में लोग जो दूरी महज मिनटों में तय की जा सकती थी, उसके लिए घंटों लग रहे हैं. सड़कों के लिए कई बार स्थानीय लोग प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक गए, लेकिन सड़क लापता है. इस मुसीबत का हल निकालने के उन्होंने खुद ही सड़क बना डाला.
कुदाल उठाकर खुद बनाई सड़क: पूरा मामला बिहार के बांका जिले के प्रखंड मुख्यालय से एक किलोमीटर दूर कनोदिया गांव का है जहांं पदाधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक लगातार गुहार लगाने के बाद भी सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों ने थक-हारकर खुद ही कुदाल उठाकर 500 मिटर लंबी सड़क का निर्माण कर दिया. सड़क बनाने में आने वाले खर्च के लिए उन्होंने आपस में चंदा भी किया.
मुख्यालय जाने के लिए होती थी परेशानी : ग्रामीणों ने बताया कि पक्की सड़क से उस पीसीसी सड़क तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. वहां तक जाने के लिए उन्हें खेतों का सहारा लेना पड़ता था. जबकि बारिश के दिनों में खेतों में पानी होने के कारण उन्हें चार किलोमीटर दूसरे रास्ते से घूम कर मुख्यालय आना पड़ता था, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी.