बांका(कटोरिया):जिले केकटोरिया प्रखंड के घोरमारा पंचायत अंतर्गत कड़वामारण गांव में पुल नहीं रहने के कारण यह बारिश में टापू में तब्दील हो जाता है. मूसलाधार बारिश होने पर नदी की तेज धार में पार होना काफी खतरनाक हो जाता है. इन दिनों पुल विहीन कड़वामारण नदी गर्भवती महिलाओं और बीमार बुजुर्गों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है. वहीं, बीमार बुजुर्गों को इस विकट स्थिति में खाट का सहारा लेना पड़ता है.
बांका में पुल और सड़क निर्माण को लेकर वोट का बहिस्कार, अस्पताल तक खाट पर जाते हैं मरीज - बांका लेटेस्ट न्यूज
बांका के एक गांव में पुल और सड़क के अभाव में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने से गर्भवती महिलाओं को पैदल चलकर कर मुख्य सड़क पर आना पड़ता है.
वोट बहिष्कार का ऐलान
आगामी विधानसभा चुनाव में कड़वामारण सहित लीलावरण, धोबनी, नीमावरण और तरगच्छा के ग्रामीणों ने पुल और सड़क की मांग को लेकर वोट बहिष्कार का ऐलान कर रखा है. हालांकि, दो सप्ताह पहले बांका सांसद गिरधारी यादव ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी थी. साथ ही उन्हें जल्द ही पुल और सड़क निर्माण कराने का भरोसा भी दिया है. लेकिन सांसद का यह आश्वासन धरातल पर कब तक साकार होगा. इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है.
8 सालों से लंबित है पुल निर्माण का कार्य
मुख्यमंत्री सेतु योजना से कड़वामारण नदी में करीब 8 साल पहले पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था. लेकिन विभागीय अधिकारियों और संवेदकों की उदासीनता के कारण निर्माण कार्य अब तक लंबित पड़ा हुआ है. जिसका खामियाजा क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन से भी अधिक गांव के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. जिसकी वजह से नाराज ग्रामीणों ने वोट बहिस्कार करने का निर्णय लिया है.