बांका(शंभुगंज):चुनावी साल में नीतीश सरकार गांव-गांव में विकास के दावे रही है. इस बीच जिले के शंभुगंज के लोगों ने वोट बहिष्कार का फैसला लिया है. गांव में पक्की सड़क नहीं होने से लोग नाराज हैं. उनका कहना है कि आजादी के दशकों बाद भी वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
मामला शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र के सहरोय गोयड़ा गांव का है. आक्रोशित लोगों ने बुधवार को सैकड़ों की संख्या में एकजुट होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. ग्रामीणों ने बैनर के साथ जमकर आक्रोश प्रकट करते हुए गांव में जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण मुन्ना ठाकुर, अरूण ठाकुर, चुनचुन तांती, मांधो तांती, कल्पना देवी, अहिल्या देवी, सविता कुमारी, रामाशीष ठाकुर, सोनु कुमार, कैलाश मंडल ने कहा कि सड़क नहीं तो वोट भी नहीं.
सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि छत्रहार पंचायत अर्न्तगत सहरोय गोयड़ा में आज तक सड़क नहीं बनी. जबकि सहरोय गोयड़ा से होकर यह सड़क हरिवंशपुर होते हुए छत्रहार को जाती है. इस सड़क से तीन गांवों की तीन हजार की आबादी का आना-जाना है. आए दिन दुर्घटना होती है. बरसात में जीवन नारकीय हो जाता है लेकिन प्रशासन बेसुध पड़ा हुआ है. शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है.
'आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला'
ग्रामीण बताते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से लगातार गुहार लगाते रहे लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. अब जब विधानसभा चुनाव के मतदान का समय नजदीक आने लगा तो यहां के ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है. विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि अगर सड़क का निर्माण कार्य नहीं कराना था तो फिर दो बार मापी क्यों कराई गई?
मुखिया ने दिया गोलमोल जवाब
वहीं इस मामले पर शंभूगंज प्रखंड के छत्रहार पंचायत के मुखिया अनिता मिश्रा ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या गंभीर है. इस सड़क का निर्माण कार्य पंचायत योजना से संभव नहीं है. जनप्रतिनिधि के द्वारा सहरोय गोयड़ा गांव के ग्रामीण के साथ सौतेलापन व्यवहार किया गया है. ग्रामीणों का आक्रोश जायज है. हालांकि चुनाव बहिष्कार की बात पर उन्होंने लोगों को समझाने की बात कही.