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बांका में पीपल और बरगद के पेड़ की करायी गई अनोखी शादी, जानें क्या है इसके पीछे का कारण - बिहार न्यूज

Unique Marriage In Banka: बिहार के बांका में पीपल और बरगद के पेड़ की शादी धूमधाम से संपन्न करायी गई. इस शादी में बाराती नाचते हुए पहुंचे तो महिलाओं ने मंगल गीत गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया. आखिर दो पेड़ों की शादी कराने के पीछे का मकसद क्या है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

बांका में पीपल और बरगद की शादी
बांका में पीपल और बरगद की शादी

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 25, 2023, 12:52 PM IST

Updated : Nov 25, 2023, 1:36 PM IST

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बांका: बांका में शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के पुनसिया बस्ती में पीपल और बरगद के पेड़ की अनूठी शादी करायी गई. पीपल के पेड़ की शादी बरगद के पेड़ के साथ वैदिक मंत्रोच्चार और परम्पराओं के साथ कराई गई. इसके लिए पहले कुंडली मिलवाई गई. फिर हल्दी मेहंदी की रस्म के साथ ही लोगों को आमंत्रण भेजकर बुलाया गया था.

बांका में पीपल और बरगद की अनोखी शादी:आमंत्रण मिलने के बाद तय तिथि को शादी में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. जानकारी के अनुसार देर रात पुनसिया बस्ती के मुहाने में पीपल के पेड़ और बरगद वृक्ष का विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ. विवाह से पूर्व नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह संस्कार हुए. इसके बाद विवाह के लिए पीपल के पेड़ को दूल्हा और बरगद के पेड़ को दुल्हन की तरह सजाया गया.

पीपल के पेड़ और बरगद वृक्ष का विवाह कार्यक्रम संपन्न

जदयू नेता भी बने शादी के गवाह:इस मौके पर महिलाओं ने मंगल गीत गाए. धार्मिक अनुष्ठान आचार्य कैलाश झा ने संपन्न कराए. इस विवाह कार्यक्रम पर भंडारे का भी आयोजन किया गया. शादी को संपन्न कराने में पुनसिया बस्ती के ग्रामीणों ने भाग लिया. इस मौके पर जदयू जिला उपाध्यक्ष अशोक यादव, मुकेश कुमार, बलवीर यादव, संतोष कुमार, मनीष कुमार समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.

पीपल और बरगद के पेड़ की शादी में नाचते बाराती

क्या है इस अनोखी शादी का कारण: आचार्य कैलाश झा के अनुसार हिंदू रीति-रिवाजों में सभी धार्मिक कार्य पीपल के पेड़ में किए जा सकते हैं. विवाह करने के बाद ही यह वृक्ष पवित्र माना जाता है. शादी के बाद पीपल का पेड़ जल चढ़ाने, मनोकामना के लिए बंधन बांधने, पूजा करने के लिए पवित्र माना जाता है.

"दोनों पेड़ एक जगह नहीं थे. शादी के बाद दोनों एक जगह मिल गए. पूरे समाज ने मिलकर दोनों की शादी करायी है. ऐसा करने से अब लोगों को पीपल के पेड़ की पूजा करने में आसानी होगी."- आचार्य कैलाश झा

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Last Updated : Nov 25, 2023, 1:36 PM IST

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