बांका:जिला के कटोरिया प्रखंड स्थित घोरमारा पंचायत के करवामरणी गांव आजादी के 71 सालों बाद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस गांव मे न ही सड़क है और न ही पीने का साफ पानी है. करवामरणी गांव की एक भी सड़क मुख्य मार्ग पर नहीं जाती है. जिस कारण गांव के लोगों को काफी दिक्कतों की सामना करना पड़ता है.
पक्की सड़क और साफ पानी के लिए तरस रहा है यह गांव, लोग बोले- सिर्फ वोट मांगने आते हैं नेता - बदहाली
करवामरणी गांव की एक भी सड़क मुख्य मार्ग पर नहीं जाती है. जिस कारण गांव के लोगों को काफी दिक्कतों की सामना करना पड़ता है.
पंच सदस्य का क्या है कहना
गांव के अनिरुद्ध मंडल वार्ड नंबर-2 के पंच सदस्य है. उन्होंने कहा कि यह गांव पहाड़ पर बसा है. गांव में एक भी स्कूल नहीं है जिस कारण बच्चे दूर गांव में जाकर पढ़ने को मजबूर हैं. इस गांव में सड़क और पुल न होने के कारण बच्चे बरसात में स्कूल नहीं जा पाते हैं. यदि कोई बीमार पड़ता है तो उसे भी खटिया पर रखकर अस्पताल ले जाना पड़ता है.
रिहायशी लोगों की स्थिति
गांव के अन्य ग्रामीण ने कहा कि देश को आजादी मिली लेकिन गांव की दशा में कोई बदलाव नहीं आया. जरुरत पड़ने पर ग्रामीण खुद ही मिट्टी काट कर सड़क बनाते है, लेकिन बारिश के मौसम में मिट्टी की सड़क भी साथ छोड़ देती है. ज्यों ही चुनाव आता है. सभी नेता गांव के चक्कर काटते हैं और बाद में कोई झांकने तक नहीं आता. इस गांव के निवासी रविकान्त कुमार का कहना है कि गांव में 80-90 घर हैं. यहां रहने वाले सभी लोग सामान्य जरुरतों के लिए तरस रहे हैं.