बांका:बिहार के बांका में चांदन नदी तट पर पुराने भवनों के अवशेषों का सर्वे (Survey on Chandan River Bank in Banka) आईआईटी कानपुर की टीम विगत 6 दिनों से कर रही है. सर्वे के छठवें दिन टीम के सदस्यों ने ड्रोन कैमरा से स्थल का निरीक्षण किया. टीम के सदस्य प्रोफेसर जावेद मल्लिक 22/4 का ग्राफ बनाकर स्थल का बारिकी से निरीक्षण कर रहे हैं.
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आईआईटी कानपुर की टीम ने बीते बुधवार को अवशेष स्थल के उत्तर दिशा की ओर जाकर सर्वे किया. इसके साथ ही जमीन के अंदर अवशेष कितनी दूर तक फैली हुई है, उसकी लंबाई चौड़ाई क्या है यह सब जानने का प्रयास किया गया. जबकि पूर्व में अवशेष स्थल के 1.5 किमी की ऐरिया को आइडेंटीफाई करते हुए जीपीआर मशीन के माध्यम से स्थल का सर्वे किया गया था.
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हालांकि सर्वे स्थल पर सर्वे के दौरान जमीन के अंदर कुछ मिलने की आशंका व्यक्त की जा रही है. लेकिन इस संबंध में टीम के सदस्य कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं. टीम के प्रोफेसर ने बताया कि थ्री डी डाइमेंशन करने के बाद फाइनल रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी जायेगी.
बताते चलें कि भदरिया गांव में पिछले वर्ष ग्रामीणों ने छठ पर्व के अवसर पर चांदन नदी में घाट बनाने के दौरान पुराने भवनों के अवशेषों को देखा था. जिसपर पुरातत्विक विभाग पटना एवं भागलपुर की टीम ने बौद्ध कालीन युग के अवशेष होने की बात बताई थी. मामले को लेकर मुख्यमंत्री नितिश कुमार स्वयं भदरिया गांव के चांदन नदी तट पर पहुंचकर अवशेषों का अवलोकन किया. इसके साथ ही चांदन नदी की धार को मोड़ने का निर्देश जारी किया.
करोड़ों रुपये की लागत से नदी की धार को मोड़ दिया गया. बिहार सरकार के निर्देशों पर कानपुर आईआईटी टीम के सदस्य विगत छह दिनों से अवशेष स्थल पर सर्वे कार्य कर रही है. इतिहासकारों ने भी महात्मा बुद्ध की भदरिया गांव अपने परम शिष्या विशाखा से मिलने आने की पुष्टि कर चुके हैं. अवशेष स्थल पर चल रही सर्वे कार्य से भदरिया गांव समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में खुशी की लहर देखी जा रही है.
टीम के सदस्यों ने बताया कि आईआईटी कानपुर के द्वारा देश के कई हिस्सों में सर्वे किया गया. हाल ही में कौशाम्बी में हुए सर्वे के दौरान छोटे-छोटे सेल मिले थे. हालांकि टीम के सदस्य चांदन नदी तट पर सर्वे पर अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. टीम का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर जावेद मल्लिक के अनुसार सर्वे का थ्री डी करने के बाद ही फाइनल डिसिजन लिया जा सकता है.
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