बांका: बुधवार को आए विनाशकारी तूफान के बवंडर ने किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. खासकर आम के फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं. गन्ने की खेती बर्बाद हो जाने के बाद और पारंपरिक खेती में फायदा नहीं होने की स्थिति में अमरपुर प्रखंड के किसानों ने लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में आम का बगीचा लगाया था.
यह नगदी फसल किसानों के लिए कमाई का एकमात्र जरिया था. इस विनाशकारी तूफान में हजारों हेक्टेयर में लगे आम के फसल बर्बाद हो जाने से किसानों की कमर टूट चुकी है.
बगीचे में लगाए थे 9 किस्म के पौधे
किसानों की स्थिति ऐसी है कि ना वह बोल पा रहे हैं और ना ही रो पा रहे हैं. किसानों ने कहा कि इस तरह बर्बादी का मंजर जीवन में कभी नहीं देखा था. अमरपुर के किसान नारायण शर्मा सलिल बताते हैं कि अलीगढ़ से आम्रपाली प्रजाति के 9 किस्म के पौधे बगीचे में लगाए थे. लेकिन इस विनाशकारी तूफान की वजह से आम के फसल बर्बाद हो गए.
बच्चे की दवाई से लेकर पढ़ाई तक का खर्च इसी पर निर्भर था. ऐसा विनाशकारी तूफान का बवंडर जीवन में कभी नहीं देखा था. इस बवंडर ने सिर्फ आम को बर्बाद नहीं किया है, बल्कि किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.
सरकार से मदद की गुहार
किसान उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि पारंपरिक खेती में फायदा नहीं होने के बाद आम का पौधा लगाया था. अब इतना नुकसान हुआ है कि भरपाई कर पाना मुश्किल है. सरकार से फसल क्षतिपूर्ति का लाभ देने का आग्रह किया है. वहीं किसान अभिमन्यु शर्मा ने बताया कि 2 एकड़ में आम लगाया था और पैदावार भी अच्छी हुई थी. लेकिन एक झटके में तूफान ने सब कुछ बर्बाद कर दिया.
तूफान की वजह से गिरे आम के पेड़ किसानों को मिले उचित मुआवजा
देवव्रत कुमार ने कहा कि बगीचे में 40 से 45 हजार रुपये दवाई का छिड़काव करने में खर्च कर दिया. फसल बर्बाद हो जाने की स्थिति अब कर्ज ही लेना पड़ेगा. सरकार और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जिस तरह अन्य फसलों के लिए क्षतिपूर्ति दी जाती है, उसी तरह बर्बाद हुए फसल की जांच कर किसानों को उचित मुआवजा मिले.