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बांका की अनुप्रिया वर्णवाल की कला ने जीता लोगों का दिल, पल भर में बना देती हैं हूबहू स्केच - Sketch Photo Maker from Chandan Bazaar

बांका की अनुप्रिया वर्णवाल (Anupriya Varnwal of Banka) की कला की पूरे देश में मांग हो रही है. किसी की भी फोटो देखकर वो कुछ मिनटों में उसका स्केच तैयार कर देती हैं. गरीबी और मुफलिसी को उन्होंने कभी बाधा बनने नहीं दिया.

Anupriya Varnwal of Banka
Anupriya Varnwal of Banka

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Published : Jan 29, 2022, 1:28 PM IST

बांका: जिले के चांदन बाजार (Sketch Photo Maker from Chandan Bazaar) की रहने वाली चित्रकार अनुप्रिया वर्णवाल की कला (Banka Sketch Photo Maker Anupriya Varnwal) इलाके में चर्चा का विषय है. अनुप्रिया एक से बढ़कर एक कलाकृति बनाती हैं. इनकी पेंटिंग को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं. साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से अनुप्रिया को ऑर्डर भी मिल रहे हैं.

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अनुप्रिया के परिवार में गरीबी के कारण माता पिता को समुचित पढ़ाई का अवसर नहीं मिला. लेकिन उस परिवार ने अपनी बेटी की इच्छा शक्ति और पढ़ाई के साथ पेंट और ब्रश के प्रति उसका प्रेम देख उसे आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास किया. उसी की बदौलत अनुप्रिया भी लगातार मेहनत करते हुए आज एक बहुत अच्छे मुकाम पर पहुंच गई है.

अनुप्रिया की बनाई पेंटिंग

उसकी पेंट ब्रश में वो जादू है कि हूबहू चीजों को वो कैनवास पर उतार देती हैं. उनकी इस कला की सभी प्रशंसा करते नहीं थक रहे. साथ ही इसके लिए उन्हें मनमानी राशि भी दी जाती है. किसी की भी फोटो को देखकर हुबहू स्केच बनाना अनुप्रिया के लिए कुछ ही मिनट का काम है. इसकी इस कला में उसके माता, पिता, पति और परिवार के अन्य लोगों ने हमेशा उसका उत्साह बढ़ाया.

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उनकी अभी उम्र 26 वर्ष है और इसी उम्र में उसने देश के अनेक लोगों को अपनी कला से मोहित कर लिया है. उसकी इसी कला को देखकर फेसबुक पर उसके 3000 से अधिक फालोअर्स हो गए हैं. जो समय-समय पर उससे किसी तरह की फोटो बनवाकर उसकी आमदनी में बढ़ोत्तरी करने में सहयोग करते हैं.

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अनुप्रिया बताती हैं, कि उसकी इस कला से आम लोग जितने खुश हैं, उतनी ही खुशी उन्हें भी होती है. वह चाहती हैं कि, उसकी इस कला को वह विश्व स्तर पर स्थापित कर सकें. उनकी एक मात्र इच्छा यह है कि, उसकी इस कला से उसके हमउम्र की गरीब छात्रा भी प्रशिक्षण लेकर आगे बढ़ने और अपने पैरों पर खड़ा होने का संकल्प ले. जिससे चांदन के साथ-साथ बांका और बिहार का नाम भी रोशन हो सके. इसके लिए वह लगातार अपनी कला को निखार देकर उसमे अधिक चमक पैदा कर रही हैं.

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