बांका: जिला मुख्यालय में गरीब बच्चों को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है. केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास विभाग और राज्य सरकार की ओर संचालित केंद्र में बच्चों को अपने पैर पर खड़े होने के लिए ट्रेंड किया जा रहा है. बांका में संचालित केंद्रों से अब तक 900 से अधिक बच्चे देश के विभिन्न हिस्सों में जॉब कर रहे हैं.
इस केंद्र में कॉरपोरेट सेक्टर सहित अन्य जगहों पर जॉब करने के लिए ट्रेंड किया जाता है. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के सेंटर प्रबंधक ने बताया कि ये कोर्स 6 महीने का है. इसमें बांका, भागलपुर, पूर्णिया और कटिहार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और आवास मुहैया कराया जाता है. सभी बच्चे बीपीएल परिवार से आते हैं. खास बात ये है कि अधिकांश बच्चे जीविका से जुड़े परिवार के सदस्य हैं जो पैसे की तंगी की वजह से अपने बच्चों को आगे नहीं पढ़ा सके. सभी बच्चों को रोजगार पाने योग्य तैयार किया जा रहा है.
कंप्यूटर ट्रेनिंग प्राप्त करते बच्चे रिटेल सेक्टर के लिए तैयार हो रहे छात्र
इस केंद्र पर मूल रूप से रिटेल, लॉजिस्टिक और सॉफ्ट स्किल के साथ-साथ आईटी क्षेत्र का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्राओं ने बताया कि इंग्लिश स्पीकिंग से लेकर कंप्यूटर का प्रशिक्षण पा रही हैं. वहीं, एक अन्य छात्रा ने बताया कि उनके पिता के पास पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए वो इस केंद्र पर आकर जॉब पाने का स्किल सीख रही है. यहां पढ़ने वाले बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है.
ग्रामीण इलाके के हैं सभी बच्चे
एक शिक्षक ने बताया कि सभी बच्चे ग्रामीण इलाकों के हैं. जो पूरी तरह से बुनियादी जानकारियों से अनभिज्ञ हैं. उन्हें छह माह तक प्रशिक्षित कर बड़ी-बड़ी कंपनियो में नौकरी करने योग्य बनाया जाता है. हालांकि इनको तैयार करने में परेशानियां तो होती है. दो-तीन महीने तो इन्हें पटरी पर लाने में लग जाता है. सारी परेशानियों के बावजूद इन्हें पूर्ण रूप से ट्रेंड कर दिया जाता है.
ईटीवी भारत संवाददाता कि रिपोर्ट 900 से अधिक बच्चों का हुआ है प्लेसमेंट
सेंटर प्रबंधक के मुताबिक 2014 से बांका में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ये सेंटर चल रहे हैं. अब तक 900 से अधिक बच्चे देश के विभिन्न हिस्सों में कॉरपोरेट, लॉजिस्टिक और रिटेल सेक्टर में जॉब कर रहे हैं. बच्चों को कंपनियों की तरफ से बेहतर पैकेज भी दिया जा रहा है.