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लॉकडाउन इफेक्ट: घर में परिवार संग क्वालिटी टाइम स्पेंड कर रहे लोग, रामायण और कैरम का ले रहे आनंद - गीता, कैरम

कोरोना को लेकर देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान आम लोगों की दिनचर्चा ही बदल गई है. ऑफिस में काम करने वाले वर्किंग पर्सन, बाजार में चक्कर लगाने वाले छात्र और रोज सुबह स्कूल की तरफ दौड़ने वाले बच्चे अब घरों में हैं. किस तरह से अपना समय व्यतीत कर रहे हैं, इस बारे में ईटीवी भारत के संवादाता ने लोगों से बातचीत की.

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Published : Apr 6, 2020, 4:56 PM IST

बांका: लॉकडाउन के बाद हर तबके के लोग अपने-अपने घरों में अलग-अलग दिनचर्या बनाकर समय बिता रहे हैं. कोई शतरंज खेल रहा है तो कोई कैरम, कुछ लोग गीता-रामायण पढ़कर तो कुछ देखकर इससे पाठ भी ले रहे हैं. वहीं, कई लोग घर में ही तरह-तरह के काम सीखकर और कुछ टीवी देखकर समय बिता रहे हैं.

सकारात्मक्ता लाता है ग्रंथों का पाठ

बांका निवासी जयकांत द्विवेदी कहते हैं कि इन दिनों सुबह से ही स्नान ध्यान करने के बाद उन्होंने अपने घर में ही रामायण का पाठ करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देश का पालन करते हुए हमलोग पूरे दिन घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. सुबह से ही रामायण पढ़ने में लगे रहते हैं. क्योंकि रामायण एक ऐसा ग्रन्थ है जो समाज और परिवार में सकारात्मक्ता लाता है, जो कोरोना की लड़ाई हमें सक्षम बना सकता है.

रामायण का पाठ करते जयकांत द्विवेदी

‘पत्नी और बच्चों के साथ कैरम का लुत्फ‘

वहीं, प्रणय कुमार जो उसी वार्ड के निवासी हैं, एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं. लेकिन स्कूल बंद हो जाने के कारण घर में पत्नी और बच्चों के साथ कैरम खेल कर आनंद ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि घर में दिनभर खाली बैठकर बोरियत महसूस होती है. इसलिए बच्चों के साथ खेलकर मनोरंजन भी हो जाता है और परिवार को समय भी दे पाता हूं.

‘खूब खा रहा मां के हाथों का खाना‘

दूसरी तरफ बाहर रहकर पढ़ाई करने वाले सोनी कुमार बताते हैं कि मैं इन दिनों मां के काम में हाथ बंटा रहा हूं और मां के हाथों का खाना खूबखारहा हूं. बाहर रहने की वजह से खुद से ही खाना बनाना पड़ता है, अब यहां आकर अच्छा लग रहा है. लोगों के पास बाहर जाने की कोई वजह नहीं है तो लोग अपने घरों में ही फैमिली के साथ अच्छा समय व्यतीत कर रहे हैं.

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