बांका: जिले में ईटीवी भारत का चुनावी चौपाल कटोरिया के राधा नगर में आयोजित हुआ. कटोरिया विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा के साथ-साथ पहाड़ी और जंगली इलाकों से घिरा हुआ है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहने के बावजूद विकास की रफ्तार काफी सुस्त रही.
इस विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा स्वास्थ्य कृषि और लॉ एंड ऑर्डर की गंभीर समस्या है. यहां के लोगों ने स्थानीय राजद विधायक स्वीटी सीमा हेंब्रम पर जमकर बरसे. वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र को तो छोड़िए विधायक ने प्रखंड मुख्यालय तक की समस्या को सुनने की जहमत तक नहीं उठाई.
डिग्री बांटने की संस्था बनकर रह गई हाई स्कूल
समाजसेवी विजय आनंद ने बताया कि कटोरिया के विकास की बात है तो शिक्षा, चिकित्सा, कृषि और लॉ एंड ऑर्डर के क्षेत्र में कुछ भी विकास नहीं हुआ. शिक्षा की बात की जाए तो प्राइमरी से लेकर हाई स्कूल तक कक्षाएं नहीं लगती है. बस डिग्री बांटने की एक संस्था बनकर रह गई है. इतनी बड़ी आबादी में मात्र एक रेफरल अस्पताल है.
ईटीवी भारत का चुनावी चौपाल नाम के अनुरूप रेफर करने में विश्वास रखता है. कटोरिया पठारी के साथ पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है. सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र की वजह से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या अक्सर बनी रहती है. प्रतिनिधि जीतने से पहले बहुत सारे सब्जबाग दिखाते हैं, लेकिन जीतने के बाद कुछ नहीं हो पाता है.
दो दशक पुरानी है अनुमंडल की मांग
मुखिया प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि कटोरिया में अनुमंडल के लिए मांग कई बार उठा चुके हैं. कटोरिया को अनुमंडल बनाने की लगभग दो दशक पुरानी मांग है. पंचायत समिति के माध्यम से भी कई बार प्रस्ताव पारित कर सरकार को अवगत कराने की मांग करते रहे. भौगोलिक दृष्टिकोण के चलते और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के नाते अनुमंडल का होना अत्यंत आवश्यक है.
वहीं राकेश कुमार ने बताया कि कटोरिया में कुछ भी विकास का कार्य नहीं किया गया है, जो भी वादा किया गया विधायक ने एक भी काम पूरा नहीं किया. सबसे बड़ी समस्या भूमि विवाद है. भूमि विवाद और भूमाफिया का आतंक कटोरिया में सर चढ़कर बोल रहा है.
विकास के मामले में हाशिए पर है आदिवासी समुदाय
पंकज गुप्ता ने बताया कि कटोरिया विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट है. आदिवासी बहुल इलाका होने के बावजूद यह समुदाय विकास के मामले में हाशिए पर है, जो भी स्थानीय विधायक हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों को तो छोड़िए कटोरिया बाजार में समस्या सुनने के लिए नहीं आई. कटोरिया प्रखंड मुख्यालय से सटे एक छोटे से बांध सौंदर्यीकरण का मांग किया गया था, ताकि छठ पूजा आसानी से हो सके. यह पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित हो सकता था, लेकिन विधायक ने इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया.
ईटीवी भारत का चुनावी चौपाल वहीं वासुदेव पंडित ने बताया कि कटोरिया क्षेत्र शिक्षा के मामले में भी पिछड़ा इलाका है. स्कूलों में शिक्षक की घोर कमी है. सरकार ने इस ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया.
कटोरिया बाजार की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव
मनोज कुमार ने बताया कि कटोरिया प्रखंड मुख्यालय की बात की जाए, तो सबसे बड़ी समस्या जलजमाव की है. दो-तीन महीने तक बारिश का दौर चलता है. इस दौरान लोगों को चलना भी मुश्किल हो जाता है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. बारिश के चलते बाजार में रोजाना जाम से जूझना पड़ता है. कई बार समस्या से निजात दिलाने के लिए विधायक से आग्रह किया गया, लेकिन कुछ नहीं करवा पाई.