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अराजपत्रित कर्मचारियों ने समाहरणालय मुख्य गेट पर किया प्रदर्शन, आदेश की प्रति जलाकर जताया विरोध - Protest of Non Gazetted Employees Federation

जबरन सेवानिवृत्त मामले को लेकर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने सरकारी पत्र का प्रति जलाया. संघ के सदस्यों ने कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री 69 साल के हो, उस सरकार को ये शोभा नहीं देता कि 50 साल पार करने वाले कर्मियों को यह कहकर जबरन सेवानिवृत्त कर दिया जाए कि कर्मचारियों से काम नहीं होगा.

बांका
अराजपत्रित कर्मचारियों ने समाहरणालय मुख्य गेट पर किया प्रदर्शन

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Published : Feb 12, 2021, 7:44 AM IST

बांका:जिले में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 50 वर्ष से अधिक उम्र के राज्य कर्मियों को अक्षम कर्मी कह कर जबरन सेवानिवृत्त कराने के विरोध में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के द्वारा प्रतिवाद मार्च निकाला गया. इस दौरान समाहरणालय के मुख्य द्वार पर सरकारी पत्र की प्रति को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया.

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अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का विरोध प्रदर्शन
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ आदेश की प्रति जलाकर समाहरणालय मुख्य गेट पर अपना विरोध दर्ज कराया गया. संघ के सदस्यों ने कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री 69 साल के हों, उस सरकार को ये शोभा नहीं देता कि 50 साल पार करने वाले कर्मियों को यह कहकर जबरन सेवानिवृत्त कर दिया जाए कि कर्मचारियों से काम नहीं होगा.

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कर्मचारी विरोधी नीति को अपना रही सरकार
संघ के सदस्यों द्वारा संविदा कर्मियों के संबंध में अशोक चौधरी कमेटी की अनुशंसा के विपरित आदेश देने के विरोध में भी प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शन कर रहे महासंघ के जिला मंत्री सनत कुमार ठाकुर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी नीति को अपना कर आदेश दे रही है. जिसका संघ पूरी तरह से विरोध करता है.

26 फरवरी को मनाया जाएगा प्रतिरोध दिवस
सनत कुमार ने कहा कि सरकार के इस प्रकार से कर्मचारियाें के खिलाफ जारी किये जा रहे आदेश के विराेध में अगर एकजुट हाेकर आंदोलन नहीं किया गया ताे भविष्य में और भी समस्याओं से कर्मचारियाें को दो-चार होना पड़ेगा. इसलिए अब समय आ गया है कि सभी संघ एकजुट हाेकर कर्मचारियाें के हिताें की रक्षा काे लेकर आंदोलन करें. इसी कड़ी में 26 फरवरी को अराजपत्रित कर्मचारी संघ द्वारा प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा.

कर्मचारी, छात्र और किसान विरोधी है सरकार
संघ के वरीय उपाध्यक्ष अजय चौहान ने कहा कि यह सरकार कर्मचारी, छात्र और किसान विराेधी है. कर्मचारियाें के वेतन कटाैती से लेकर महंगाई भत्ता को फ्रीज कर दिया गया है. छात्रों के विरोध में नई शिक्षा नीति को पारित कर दिया गया. सरकार यहीं नहीं रुकी, किसानों के भारी विरोध के बावजूद तीन काले कानून को लाकर थोप दिया गया है. इस तानाशाही सरकार से जहां कर्मचारी और छात्र परेशान हैं. वहीं, किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर किया गया. सरकार यदि इस तुगलकी फरमान को वापस नहीं लेती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

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