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सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हुआ पारित, विरोध में पड़े 21 मत

बांका में नगर परिषद में 21 पार्षदों में मिलकर सभापति रौनक सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिसको लेकर गुप्त वोटिंग हुई और इसमें सभी पार्षदों ने सभापति के विरोध में मत दिया. 

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बांका

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Published : Oct 7, 2020, 2:31 PM IST

बांका: नगर परिषद के सभापति रौनक सिंह के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है. मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात सुजीत कुमार की मौजूदगी में प्रस्ताव को लेकर नगर परिषद के सभागार में बैठक हुई. जिसमें 21 वार्ड पार्षदों ने हिस्सा लिया. गुप्त मतदान के तहत सभी वार्ड पार्षदों में सभापति रौनक सिंह के विरोध में ही मत दिया. सभापति रौनक सिंह के पिछले 6 माह से लगातार गैरहाजिर रहने की वजह से उपसभापति संतोष सिंह सहित 20 पार्षदों में अविश्वास प्रस्ताव लाया था. सभापति के पर्चे रौनक सिंह को हटाने में उपसभापति संतोष सिंह कामयाब हुए. अब नए सभापति के तौर पर संतोष सिंह का काबिज होंगे.

अविश्वास प्रस्ताव हुआ पारित
नगर परिषद के उपसभापति संतोष सिंह ने बताया कि 21 पार्षदों में मिलकर सभापति रौनक सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिसको लेकर गुप्त वोटिंग हुई. जिसमें सभी पार्षदों ने विरोध में मत दिया. रौनक सिंह अब बांका नगर परिषद के सभापति नहीं रहेंगे. सभापति ने बताया कि पिछले 6 माह से सभापति गायब चल रहे थे. कोरोना काल में जब उनकी जरूरत थी और उनसे संपर्क भी कई बार साधा गया. लेकिन वह एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए. जिससे विकास कार्य प्रभावित हुआ. इसलिए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. उन्होंने बताया कि नगर परिषद का काम कचरा का साफ करना है. सही मायने में कचरा आज साफ हुआ है. एक ही परिवार का सदस्य लगातार नगर परिषद के सभापति बन रहे थे. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम में दबाव बनाने का काम करते थे. आखिरकार लंबे अरसे के बाद नगर परिषद को परिवारवाद से मुक्ति मिल गई और बांका नगर परिषद के सभापति अब संतोष सिंह होंगे.

7 दिन के इंतजार के बाद भी नहीं मिला जवाब
नगर परिषद बांका के कार्यपालक अधिकारी सुमित्रानंदन ने बताया कि 21 सितंबर को उपसभापति संतोष सिंह सहित 20 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. बैठक में शामिल होने के लिए सभापति को रजिस्टर्ड डाक, ईमेल और उनके स्थानीय निवास पर सूचना चिपकाया गया. इसके बावजूद वह बैठक में शामिल नहीं हुए. सात दिनों तक उनका इंतजार भी किया गया. जब कोई जवाब नहीं मिला तो बुधवार को सीओ की उपस्थिति में बैठक हुई और 21 वार्ड पार्षदों ने उनके खिलाफ गुप्त मतदान किया. रौनक सिंह को सभापति पद से हटाया गया.

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