बांकाः जिले के झिरबा को मशरूम की खेती का हब माना जाता है. लेकिन इस पर भी कोरोना महामारी की नजर लग गई है. लॉकडाउन के बाद बिक्री नहीं होने की वजह से किसान अब मशरूम की खेती नहीं कर रहे हैं. कई क्विंटल तैयार मशरूम सड़ गए, जिससे किसानों को अब तक लाखों का नुकसान हो चुका है.
बीज उत्पादन बंद
बिहार में मशरूम विलेज के नाम से मशहूर झिरबा में बड़े पैमाने पर छोटे-छोटे किसान मशरूम की खेती करते हैं. लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन ने मशरूम की खेती और स्पॉन निर्माण को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है, जिससे किसानों ने फिलहाल मशरूम की खेती और बीज उत्पादन बंद कर दिया है.
लाखों का नुकसान
मशरूम की खेती करने वाली किसान विनीता कुमारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से यातायात की असुविधा हो रही है. जिससे ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं और सप्लाई भी बाधित हो गई है. उन्होंने बताया कि लगभग डेढ़ क्विंटल बीज यानि स्पॉन बर्बाद हो गया है, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है.
35 से 40 किलोमशरूम का उत्पादन
विनीता कुमारी ने बताया कि वो रोजाना 35 से 40 किलो मशरूम का उत्पादन कर लेती थी. लेकिन अभी स्थिति ये हो गई है कि महीने में 5 हजार की कमाई भी नहीं हो पा रही है. एक अन्य महिला ब्यूटी कुमारी ने बताया कि रोजाना पांच से 10 किलो मशरूम तैयार हो जाता था, जो फिलहाल बिल्कुल बंद है.
लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार
किसानों ने बताया कि मशरूम की खेती से 15 से 20 हजार की कमाई हो जाती थी. महीने में लगभग 50 से 60 हजार का नुकसान हुआ है. बता दें कि यहां के किसान बटन, ओयस्टर, मिल्की सहित अन्य किस्म के मशरूम की खेती करते हैं. ऐसे में किसानों को अब लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है, जिससे वो फिर से खेती शुरू कर पाएं.