बांका:सोमवार को पहली वर्चुअल रैली में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सरकार की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने कहा था कि अप्रैल महीने के बाद से ही मनरेगा और दूसरी योजनाओं में काम शुरू हुआ. जिसके बाद औसतन प्रतिदिन लगभग 10 लाख लोगों को काम मिल रहा है. लेकिन जिले के अत्यंत पिछड़े और पहाड़ी क्षेत्र के कटोरिया और चांदन प्रखंड में लोगों को काम नहीं मिल रहा है.
पलायन करने को मजबूर
कटोरिया से करीब चार दर्जन और चांदन के गौरीपुर से 75 मजदूर उदास मन से परदेश के लिए रवाना हो गए. ये वही मजदूर थे, जो चार माह पहले काफी परेशानी में अपने घर लौटे थे. उन्होंने सोचा था कि अगर अपने क्षेत्र में रोजगार मिलेगा, तो कभी भी दूसरे प्रदेश नहीं जायेंगे. लेकिन इनके अपने क्षेत्र में रोजगार मिलने के अरमान धरे रह गए.
मजदूरों के पास नहीं हैं पैसे
जिलों के प्रवासी मजदूर तमिलनाडु और गुजरात के लिये निकल पड़े हैंं. गरीबी का आलम ऐसा कि लोग अपनी जान की परवाह छोड़कर मजबूरी में परदेश पलायन कर गए. परदेश जाने वाले मजदूरों ने बताया कि कंपनी का ठेकेदार वहीं से बस लेकर आया, लेकिन इसका भाड़ा देने के लिये अधिकांश के पास पैसे नहीं थे.