बांका: देशभर में लॉक डाउन का तीसरा चरण लागू है. प्रवासी मजदूरों का बिहार वापस आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. कई ऐसे मजदूर हैं, जो अब भी किसी साधन के उपलब्ध नहीं होने पर पैदल ही अपने घरों का रास्ता नाप रहे हैं. इसी क्रम में गुरुवार को झारखंड के बोकारो से पैदल चलकर भागलपुर जिले के नारायणपुर और विहपुर सहित अन्य हिस्सों के लिए निकले. हालांकि झारखंड में मजदूरों को कई स्थानों पर रोका भी गया. जहां स्वास्थ्य जांच कर उन्हें जाने के लिए छोड़ दिया.
झारखंड के बोकारो से भागलपुर पहुंचे मजदूर, 4 मई से चल रहे हैं पैदल - corona update bihar
मजदूरों ने बताया कि बोकारो में लॉक डाउन की वजह से काम बंद हो गया था. खाने-पीने की दिक्कत हो रही थी. विकट परिस्थिति के चलते पैदल ही 4 मई को अपने घर जाने के लिए निकल पड़े.
'संवेदक ने नहीं दिए पूरे पैसे'
मजदूर मो. सद्दाम ने बताया कि बोकारो में सड़क निर्माण कार्य करता था. लॉक डाउन की वजह से काम बंद हो गया. जो कमाए थे वह वहीं खाने में समाप्त हो गया. ठेकेदार ने भी पैसे नहीं दिए. आर्थिक तंगी और भोजन नहीं मिलने पर पैदल ही घर की ओर निकल पड़े. रास्ते में कहीं-कहीं लोगों ने चूड़ा खाने को दिया. मोहम्मद सद्दाम ने आगे बताया कि वह भागलपुर जिले के थाना बिहपुर अंतर्गत वीरबन्ना गांव जाएंगे.
'जो कमाए थे खाने में हो गए समाप्त'
वहीं, मजदूर मो. सलमान ने बताया कि लॉक डाउन के पहले बोकारो कमाने के लिए गया था. लगभग एक महीने तक काम ही किया था तभी लॉकडाउन लागू हो गया. ठेकेदार ने सारा पैसा नहीं दिया. समस्या बढ़ती चली गई. जो कमाए थे सब रहने-खाने में समाप्त हो गया. हमारे पास कुछ नहीं बचा हुआ है. इस वजह से हमलोग पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. मो. सलमान ने बताया कि वह भी भागलपुर जिले के नारायणपुर जाएंगे.