बांका: जिले के तमाम लैब टेक्नीशियन अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को तीसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे. लैब टेक्नीशियनों के मुताबिक वो लोग विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन जब नियमितीकरण की बारी आई तो प्रकाशित मेधा सूची से उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. जबकि, बिहार के रहने वाले लैब टेक्नीशियन देश के विभिन्न राज्यों की मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त किये हुए हैं.
बता दें कि जिले के तमाम लैब टेक्नीशियन लगातार आज तीसरे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अपनी संवैधानिक मांगों को लेकर डटे रहे. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अधीन संचालित बिहार राज्य अनुबंधित प्रयोगशाला प्रावैधिक संघर्ष समिति बांका के बैनर तले पुराने अस्पताल परिसर के प्रांगण में धरना दिया. इस दौरान लैब टेक्नीशियनों ने कहा की जब तक हमारी 10 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा, तब तक वे अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे.
मांग पूरी होने तक हड़ताल रहेगी जारी
संघर्ष समिति के संयोजक नंदलाल पंडित ने बताया कि लैब टेक्नीशियनों की मांग पूरी तरह से जायज है, लेकिन सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने बताया की जब तक हमारी जायज मांगें सरकार नहीं मानती है, तब तक तमाम लैब टेक्नीशियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे.
उन्होंने बताया कि तमाम लैब टेक्नीशियन विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में अनवरत रूप से अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन जब नियमितीकरण का मौका आया तो उनको प्रकाशित मेधा सूची से बाहर कर दिया गया है, जो सरकार का पूर्ण असंवैधानिक कदम है. वहीं, जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष सनत कुमार ठाकुर ने कहा कि लैब टेक्नीशियन की सेवा नियमित करते हुए वेतन की विसंगतियों को दूर कर सरकार हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास कर रही है.
मांगें पूरी ना होने पर चलाया जायेगा जेल भरो आंदोलन
संघर्ष समिति के संयोजक नंदलाल पंडित ने बताया कि अगर हमारी 10 सूत्री को मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो सभी लैब टेक्नीशियन जेल भरो अभियान भी चलाएंगे. उन्होंने कही कि सरकार की उदासीन रवैया के चलते कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान लैब टेक्नीशियन को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाना पड़ रहा है, जिसके चलते जिले में कोविड-19 के टेस्ट भी प्रभावित हो रहे है.