बांका: पूर्व पर्यटन मंत्री डॉ. जावेद इकबाल अंसारी ने कुछ महीने पहले ही जेडीयू को छोड़ आरजेडी का दामन थामा है. डॉ. अंसारी बांका विधानसभा से आरजेडी की सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि आरजेडी का सदस्य होने के नाते पार्टी आलाकमान ने बांका में काम करने के लिए कहा है. अगर पार्टी टिकट देती है तो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
चुनाव लड़ने की तैयारी
अंसारी ने कहा कि चुनाव लड़ने की तैयारी भी बांका में कर रहे हैं. आरजेडी में वापसी के बाद लोगों में विश्वास जगा है कि अब लड़ाई मजबूती के साथ होगी. बीजेपी और जेडीयू के कुछ लोग प्रायोजित तरीके से आरजेडी के वैसे कार्यकर्ता जिनकी टिकट की आस टूट गई है, उनके बीच विरोध का स्वरूप बनाया जा रहा है. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है इसे कोई नाराजगी नहीं है.
डॉ. जावेद इकबाल अंसारी, आरजेडी नेता 'संघ की गोद में बैठे नीतीश'
पूर्व पर्यटन मंत्री डॉ. जावेद इकबाल अंसारी ने बताया कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ा था, तब ऐसा लगा था कि उनका जमीर जाग गया है. इसलिए मैने सभी को साथ देने के लिए प्रेरित किया था. लेकिन आरजेडी को छोड़कर जब वे फिर संघ की गोद में बैठ गए तो मैने अपने आप को दूर कर लिया और आखिरकार पार्टी छोड़ दी.
राजस्व मंत्री से होगी पांचवीं चुनावी भिड़ंत
डॉ. अंसारी ने बताया कि अगर पार्टी टिकट देती है तो राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल से यह पांचवीं चुनावी भिड़ंत होगी. इससे पहले चार बार चुनावी मैदान में आमने-सामने की टक्कर हो चुकी है. इसमें तीन बार मेरी जीत हुई है और एक बार रामायण मंडल की जीत हुई है. बांका की जनता पार्टी से इतर नेता के विकास करने की क्षमता और उनके व्यक्तित्व पर वोट करती है. साथ ही मैदान में कौन व्यक्ति है और विकास के लिए क्या कर सकते हैं यह बड़ा मुद्दा यहां के लोगों के लिए होता है.
बगैर पैसे लिए राजस्व विभाग में नहीं होता है काम
पूर्व पर्यटन मंत्री ने बताया कि स्थानीय विधायक रामनारायण मंडल बिहार के राजस्व मंत्री हैं. इनके विधानसभा में बांका और बाराहाट प्रखंड आता है. राजस्व मंत्री के क्षेत्र में ही राजस्व की बदहाल स्थिति है. उन्होंने आरोप लगाया कि बगैर पैसे लिए इनके विभाग में एक भी काम नहीं होता है. पूर्व पर्यटन मंत्री ने बताया कि जो व्यक्ति अपने क्षेत्र को ही संभाल नहीं सकता है वह राजस्व विभाग को क्या संभालेगा.