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नल जल योजना में एक और बड़ी लूट, RTI में हुआ 48 लाख रुपयों की अवैध निकासी का खुलासा

ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व राजस्व मंत्री और बांका विधायक रामायण मंडल की पैतृक पंचायत में ही नल जल और नली-गली योजना में लूट हुई है. लोक सूचना के अधिकार से जानकारी मिली कि तत्कालीन बीडीओ विजय चंद्रा, सचिव राजेंद्र शर्मा और वार्ड सदस्य भगवत दास ने वार्ड क्रियान्वयन समिति की फर्जी हस्ताक्षर कर 48 लाख की राशि निकाल ली.

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Published : Nov 28, 2020, 5:06 PM IST

बांका: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में शामिल 'हर घर, नल जल' और 'नली गली पक्कीकरण योजना' लूट का अड्डा बनी हुई है. बिहार के पूर्व राजस्व मंत्री सह बांका विधायक रामनारायण मंडल के पैतृक पंचायत लकड़ीकोला स्थित महेशाडीह गांव के वार्ड नंबर 11 में इस योजना के तहत लूट का बड़ा खुलासा हुआ है. वार्ड क्रियान्वयन समिति के फर्जी हस्ताक्षर के सहारे तत्कालीन बीडीओ, सचिव और वार्ड सदस्य ने 48 लाख की अवैध निकासी की है.

ग्रामीणों को लोक सूचना के अधिकार के तहत इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली. इस बाबत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों तक से शिकायत तो की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मामले के बारे में बताते हुए ग्रामीण पवन कुमार यादव ने बताया कि योजना के तहत सबसे पहले बांका प्रखंड को राशि आवंटित हुई. लेकिन धरातल पर योजना के तहत किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं हुआ. लिहाजा ग्रामीणों ने योजना की आवंटित राशि का ब्यौरा जानने के लिए आरटीआई दाखिल की.

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48 लाख की अवैध निकासी
इस आरटीआई से पता चला कि तत्कालीन बीडीओ विजय चंद्रा, सचिव राजेंद्र शर्मा और वार्ड सदस्य भागवत दास ने वार्ड क्रियान्वयन समिति के फर्जी हस्ताक्षर से 48 लाख की राशि निकाल ली. वहीं वार्ड क्रियान्वयन समिति के सदस्य मीना देवी के पति शंकर दास ने बताया कि पत्नी से बगैर हस्ताक्षर लिए ही अवैध तरीके से राशि निकाली गई है. इस बारे में मीना देवी को जानकारी नहीं है. विकास कार्य की बात करें तो सिर्फ पानी की टंकी ही खड़ी की गई है. पाइप लाइन बिछाने का कार्य अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है.

सूखी पड़ी टोटियां

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीण पंकज राज ने बताया कि बीडीओ को दर्जनों बार आवेदन दिया गया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. लिहाजा, मुख्यमंत्री से लेकर तमाम अधिकारियों से शिकायत की गई. लेकिन भ्रष्टाचार के इस मामले पर एक्शन नहीं लिया जा रहा. हालात ये है कि आज भी लोग कुएं का गंदा पानी पीने को विवश हैं.

नहीं बिछाई गई पाइप लाइन

वहीं वार्ड सदस्य भागवत दास ने पूरे मामले और ग्रामीणों के लगाए गये आरोप को झूठा करार दिया है. उनके मुताबिक, 'नल जल योजना में 10 लाख 92 हजार और नली-गली पक्कीकरण योजना के तहत 12 लाख 49 हजार की राशि आवंटित हुई थी.'

कब चलेगा पंप?

बहरहाल, कुछ भी हो जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार और उसके अधिकारियों ने शिकायत के बाद एक्शन क्यों नहीं लिया, इस मामले में ये बड़ा सवाल खड़ा होता है. भ्रष्टाचार को लेकर तमाम दावे ठोकने वाली सरकार आखिर अपने विकास कार्यों की जुड़ी योजनाओं में कब पारदर्शिता लाएगी, जिससे आमजन संतुष्ट हो सकें. ये तो ऐसे तमाम मामलों पर तत्काल एक्शन के बाद ही संभव हो पाएगा.

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