बांका: कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में जिले के कुछ निजी स्कूल कोरोना गाइडलाइन का खुला उल्लंघन कर रहे हैं. मुनाफे के चक्कर में वो बच्चों की जान लेने पर तुले हुए हैं. मामला द होरिजन स्कूल का है. इसी स्कूल के हॉस्टल में 20 नौनिहालों को रखा गया है. जबकि शिक्षा विभाग ने स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके हॉस्टल संचालित है.
हैरत की बात यह है कि स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं लग पायी. बच्चों के कमरे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. यहीं नहीं बच्चों को भोजन में सड़ा हुआ कीड़ा युक्त चावल खिलाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: CM नीतीश की मंत्रियों और अधिकारियों संग हाईलेवल मीटिंग, बोले- मरीजों को हर हाल में सुनिश्चित कराना है ऑक्सीजन
स्थानीय प्रशासन पर मिलीभगत का आरोपस्कूल के संचालक पहले तो इस मामले में कुछ भी बोलने से कतराते रहे. हालाकि बाद में उन्होंने ईटीवी भारत से सफाई में कहा कि हॉस्टल में रहने वाले बच्चे स्थानीय हैं. या फिर ये वो बच्चे हैं जिनके परिजन दूर हैं. हॉस्टल के संचालक सूरज सिंह ने बताया कि अभिभावकों से इन्हें यहां से ले जाने के लिए कहा गया था लेकिन परिजन अभी तक इन बच्चों को लेकर नहीं गए.
बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ मामले में स्थानीय पंचायत के जनप्रतिनिधि ने बताया कि दो दिन पूर्व विद्यालय की करतूत की जानकारी स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन को दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बच्चों को खाने में दिया जा रहा है कीड़ा युक्त चावल
जिस तरह से धोरैया प्रखंड के हॉरिजन पब्लिक स्कूल में पढ़ाई के नाम पर कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं उससे शिक्षा विभाग के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं. निजी स्कूल के हॉस्टल में जिस तरह से कीड़ायुक्त चावल बच्चों के खाना के लिए रखा गया है. इस चावल के खाने से बच्चों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. इधर मामले को लेकर धोरैया के बीडीओ अभिनव भारती ने बताया कि देर शाम मामला संज्ञान में आया है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें: सुन लीजिए नीतीश जी, आपका विधायक जानबूझकर तोड़ता है 'कानून', बोले गोपाल मंडल- हां... हमने हटाया बैरिकेडिंग