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बांका: अस्पताल में गलत इंजेक्शन देकर डॉक्टर ने बच्ची को किया रेफर, रास्ते में हुई मौत

जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित रेफरल अस्पताल में मंगलवार को तेज बुखार के साथ सर्दी-खांसी से पीड़ित एक बच्ची को लाया गया. चिकित्सकों ने भरको गांव निवासी अशोक साह की बेटी कंचन कुमारी को इंजेक्शन लगा दिया. स्थिति बिगड़ते देख कंचन को बेहतर इलाज के लिए बांका सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.

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Published : Apr 21, 2020, 11:33 PM IST

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बांका: जिले में एक अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही और प्रबंधन की कुव्यवस्था के कारण एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर द्वारा बच्ची को दी गई गलत इंजेक्शन के कारण उसकी मौत हो गई. आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में जबरदस्त हंगामा किया.

जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित रेफरल अस्पताल में मंगलवार को तेज बुखार के साथ सर्दी-खांसी से पीड़ित एक बच्ची को लाया गया. चिकित्सकों ने भरको गांव निवासी अशोक साह की बेटी कंचन कुमारी को इंजेक्शन लगा दिया. स्थिति बिगड़ते देख कंचन को बेहतर इलाज के लिए बांका सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. बेटी को ले जाने के लिए अशोक साह ने जब एंबुलेंस मांगा तो अस्पताल प्रबंधन ने असमर्थता जता दी. इसके बाद परिजन बाइक से गांव गए. वहां से ऑटो लेकर पहुंचे और बच्ची को सदर अस्पताल ले जाने लगे. सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही कंचन की मौत हो गई.

रास्ते में हुई बच्ची की मौत
मृत कंचन के पिता अशोक साह ने चिकित्सक पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना जांच किए ही उसकी बेटी को इंजेक्शन लगा दिया गया. जिससे उसकी तबीयत और बिगड़ गई. बच्ची की स्थिति बिगड़ते देख चिकित्सक ने अपने आप को बचाने के लिए बांका सदर अस्पताल रेफर कर दिया. फिर जब सदर अस्पताल ले जाने के लिए हमने एंबुलेंस मांगा तो अस्पताल प्रबंधन ने मना कर दिया. इस कुव्यवस्था की वजह से हमारी बच्ची को ले जाने में देरी हुई. जिससे रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई.

आक्रोशित परिजनों ने किया हंगामा
आक्रोशित परिजन बच्ची का शव को लेकर सीधे रेफरल अस्पताल अमरपुर पहुंचे और वहां हंगामा किया. साथ ही चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे. हंगामा की सूचना मिलने पर पहुंचे अमरपुर थानाध्यक्ष कुमार सन्नी ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. आक्रोशित लोगों को शांत कराते हुए मुखिया ने अपने निजी कोष से पांच हजार रुपए तथा एक व्यवसाई ने भी 5 हजार 500 रुपए की आर्थिक मदद की.

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