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Published : Jan 23, 2020, 11:43 PM IST

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बांका में जल्द ही स्थापित होगी फूड प्रोसेसिंग प्लांट, DM कुंदन कुमार ने दिए संकेत

डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि जिले के पलनिया गांव में 3 हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती हो रही है. लाइफ कम होने की वजह से टमाटर बर्बाद हो जाता है. इसके लिए प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना की जाएगी ताकि अधिक दिनों तक इनके प्रोडक्ट्स को सुरक्षित रखा जा सके.

डीएम कुंदन कुमार
डीएम कुंदन कुमार

बांका:जिले के किसान कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी में हैं. जल्द ही बांका की पहचान फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के रूप में होगी. डीएम कुंदन कुमार की विशेष पहल पर सीलिंग मशीन प्रोडक्शन प्लांट स्थापित किए जाएंगे. जिससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे. प्रगतिशील किसानों का एग्रो स्मिता नामक ग्रुप भी बनाया गया है.

पहले फेज में अभी करीब 3 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा जाएगा. यहां दो लाख से लेकर पांच लाख कीमत की सीलिंग मशीन लगाई जाएगी. जिसके जरिए किसान अपने कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग के बाद प्रोडक्ट की कैनिंग और पैकेजिंग कर उसकी मार्केटिंग राष्ट्रीय बाजार और दूसरे प्रांतों में भी कर सकेंगे.

प्रोसेसिंग मशीन का दिया गया डेमोंस्ट्रेशन

प्रोसेसिंग मशीन का दिया गया डेमोंस्ट्रेशन
डीएम कुंदन कुमार और जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो के साथ-साथ जिले के प्रगतिशील किसानों के सामने छोटे पैमाने पर फूड प्रोसेसिंग का डेमोंस्ट्रेशन किया गया. ताकि किसान खुद प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित कर समृद्ध बन सकें.

देखें पूरी रिपोर्ट

मल्टी प्रोसेसिंग प्लांट होंगे स्थापित
डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि यहां सीलिंग मशीन प्रोडक्शन प्लांट के अलावा भी अन्य कृषि फसलों की मल्टी प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए किसानों को अनुदान की भी सुविधा दी जाएगी. जिनके प्रोडक्ट की बिक्री के लिए बाजार भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके लिए जल्दी कृषि निदेशक बांका पहुंच रहे हैं. जो यहां होने वाले फसलों की खेती का जायजा लेंगे.

मल्टी प्रोसेसिंग प्लांट होंगे स्थापित

3 हजार हेक्टेयर में होती है टमाटर की खेती
डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि बांका जिले के पलनिया गांव में लगभग 3 हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती हो रही है. मशरूम विलेज भी तैयार किया गया है. मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. लेकिन प्रोसेसिंग प्लांट की सुविधा नहीं होने से यहां बड़ी मात्रा में टमाटर और मशरूम बर्बाद हो रहे हैं. इसके लिए जल्द ही मशरूम और टमाटर प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे. टमाटर से केचप और टमाटर पेस्ट तैयार कर उसकी कैनिंग और पैकेजिंग की जाएगी. जिससे लंबे समय तक टमाटर और उसके प्रोडक्ट सुरक्षित रहेंगे. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

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