बांका:बिहार के बांका में एक बार कांवरिया पथ से पांच शौचालय गायब हो गए हैं. चांदन प्रखंड के कांवरिया पथ से अचानक पीएचईडी निर्मित पांच शौचालय के गायब होने की खबर से विभाग की नींद उड़ गयी है. वहीं पदाधिकारियों ने गायब शौचालय की खोजबीन शुरू कर दी है. मालूम हो कि पिछले वर्ष सावन के पूर्व कांवरिया पथ के झाझा में लोहे का पुल गायब होने की खबर आई थी. इस वर्ष सावन शुरू होने के पांच दिन पहले रातों-रात पांच शौचालय जो लगातार 12 वर्षों से कांवरिया के उपयोग के लिए बनाया गया था,उसे गायब कर दिया गया.
तीनसिमानी मोड़ पर स्थित था शौचालय : गायब शौचालय कांवरिया पथ के तीनसिमानी मोड़ पर स्थित था. इसकी जानकारी जब प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो सभी की नींद उड़ गई. बुधवार शाम को बीडीओ राकेश कुमार ने उस स्थल का निरीक्षण किया गया, तो पाया गया कि उस स्थान पर से पांचों शौचालय पूरी तरह धरातल से गायब हैं और वहां नया पंडाल लगाया जा रहा है. लेकिन पंडाल बनाने वाले किसी व्यक्ति से मुलाकात नहीं हो सकी. इस पर कुछ पूछा जा सके.
12 साल से निजी जमीन पर संचालित था शौचालय: वहीं अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य ने बताया कि "आज उन्हें जानकारी मिली है. वे सुबह उस स्थान पर जाएंगे और उस जमीन के बारे में तहकीकात करेंगे की जमीन किसकी है और किसके द्वारा यह शौचालय वहां से हटाया गया है. उस पर निश्चित रूप से पीएचईडी विभाग कार्रवाई करेगी". वहीं पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता अमर लाल रजक ने बताया कि यह बात पूरी तरह सही है कि 12 वर्षों से हमारे विभाग ने वहां शौचालय का निर्माण कराया गया था. इस बार भी शौचालय का निर्माण पूरा करा दिया गया था.
मामले की चल रही छानबीन: इसकी छानबीन की जा रही है और बीडीओ सहित अन्य पदाधिकारियों को भी सूचना दे दी गई है. ऐसा भी सुनने में आ रहा है कि वह निजी जमीन थी. लेकिन अगर वह जमीन निजी थी तो उस शौचालय को बनाने के पूर्व ही सूचना देनी चाहिए थी. अब देखना यह है कि इस गायब शौचालय के पीछे कौन है और किस किस व्यक्ति पर मामला दर्ज किया जाएगा. यह शौचालय 12 बर्ष पूर्व 12 लाख की लागत से बनाया गया था. अभी तक कि जांच में इसके पीछे कुछ भूमाफिया का हाथ बताया जा रहा है.
"यह बात पूरी तरह सही है कि 12 वर्षों से हमारे विभाग ने वहां शौचालय का निर्माण कराया गया था. इस बार भी शौचालय का निर्माण पूरा करा दिया गया था"- अमर लाल रजक , कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी