बांकाः जिले की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यहां का अधिकांश हिस्सा पठारी है. यही वजह है कि जिले में किसानों के पास रैयती बंजर भूमि बहुतायत मात्रा में है. जिले में लगभग 42 हजार हेक्टेयर भूमि बंजर है. कटोरिया प्रखंड का जयपुर इलाका सबसे अधिक बंजर भूमि वाला क्षेत्र है. इस इलाके में किसानों के लिए कुछ भी उपजा पाना टेढ़ी खीर थी. पिछले एक वर्ष से क्षेत्र के किसानों की कड़ी मेहनत और जिला प्रशासन के साथ-साथ कृषि विभाग के सहयोग से बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती की शुरुआत की गई है.
किसान कर रहे लेमन ग्रास की खेती
कटोरिया प्रखंड के जयपुर इलाके में चकरापाथर गांव के किसान हरेंद्र शर्मा ने अपने 7 एकड़ रैयती बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती की शुरुआत की है. हरेंद्र शर्मा बताते हैं कि इस इलाके में किसानों के अधिकांश जमीन बंजर है. कृषि विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से लेमन ग्रास की खेती की शुरुआत हुई है. कृषि विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र के किसानों के साथ बैठक कर उन्हें लेमन ग्रास की खेती करने के लिए प्रेरित किया था. क्षेत्र के किसान भी लेमन ग्रास की खेती करने के लिए इच्छुक हैं.
लेमन ग्रास की खेती करने के इच्छुक हैं किसान
किसान सरोज कुमार बताते हैं कि हरेंद्र शर्मा से प्रभावित होकर अपने बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती करेंगे. ताकि कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सके. बाजार में इसके तेल की कीमत काफी अधिक है. किसान हरेंद्र शर्मा बताते हैं कि किसान जब अपने खेतों में लेमन ग्रास की खेती करना प्रारंभ कर देंगे. तब तेल निकालने के खुद का डिस्टिलेशन प्लांट स्थापित कर लेंगे. डिस्टिलेशन प्लांट स्थापित करने में चार लाख की लागत आती है.