बांकाःबिहार के बांका के रहने वाले जिस गोलगप्पा बेचने वाले की कश्मीर में आतंकवादियों ने कायरता से हत्या (Shot Dead) कर दी, घर में उसी की कमाई से परिवार चलता था. आतंकियों के द्वारा अरविंद की निर्मम हत्या की खबर मिलते ही परिजनों में चित्कार मच गया. इधर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से मृतक अरविंद साह के परिजनों को 11 लाख 25 हजार की सहायता राशि देने का ऐलान किया गया है.
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अरविंद साह की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ी घोषणा की है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से मृतक अरविंद साह के परिजनों को 11 लाख 25 हजार की सहायता राशि देने का ऐलान किया है. इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घटना को दुखद बताया है और परिजनों के लिए दो लाख रुपये मुआवजा का ऐलान किया है.
मृतक 35 वर्षीय अरविंद कुमार साह के पिता देवेन्द्र साह को रोना सुनकर आपकी भी रूह कांप जाएगी. जिस बेटे ने घर की जिम्मेदारियां अपने कंधे पर उठा ली थी. उसके लिए एक खुशहाल जीवन की कामना कर रहे घरवाले और पिता के सामने इससे बड़ी आपदा और क्या होगी. परिजन कहते हैं 'रोजी-रोटी के लिए दूसरे प्रदेश गया अरविंद अपना बिहार कभी लौटेगा ही नहीं, ये अगर जानते तो उसे जाने ही नहीं देते.'
अरविंद अपने पांच भाइयों में चौथे नंबर पर था. छोटे भाई मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने एक भाई को कोरोना काल में खो दिया है. अब अरविंद भैया भी नहीं रहे. अरविंद पिछले 15 सालों से कश्मीर में रहकर ठेले पर गोलगप्पा बेचने का काम करते थे. इसी से उनके परिवार का भरण पोषण होता था. कोविड की लहर के दौरान वे घर आए हुए थे लेकिन हालात सामान्य होने पर फिर चले गए. उनके साथ अन्य दो भाई डब्लू और मंटू भी गए, लेकिन डब्लू कुछ दिन पहले वापस लौट आए थे. मंटू अभी वहीं है, लेकिन अब अरविंद कभी नहीं लौट पाएंगे.
दरअसल, शनिवार की शाम को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने अरविंद की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस के मुताबिक आतंकवादियों ने ईदगाह क्षेत्र स्थित एक पार्क के बाहर उसे गोली मारी. जिसके बाद उसे आनन-फानन में एसएमएचएस (SMHS) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं, इसकी सूचना जब परिजनों को हुई तो कोहराम मच गया.