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बांका में फर्जी थाना मामले में मुख्य आरोपी फरार.. गिरफ्तारी के लिए टीम गठित

बांका शहर में एसपी आवास से कुछ ही दूरी पर पिछले आठ माह से चल रहे फर्जी थाना चलाने में मुख्य सरगना फुल्लीडुमर निवासी भोला यादव को छोड़ सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए एसपी ने तीन टीम का गठन कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

फर्जी थाना मामले में मुख्य आरोपी फरार,गिरफ्तारी के लिए टीम गठित
फर्जी थाना मामले में मुख्य आरोपी फरार,गिरफ्तारी के लिए टीम गठित

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Published : Aug 19, 2022, 4:15 PM IST

बांका :बिहार केबांका में दो दिन पूर्व शहर के अनुराग गेस्ट में चल रहा फर्जी थाना (Fake Police Station in Bihar) का पर्दाफाश के बाद पुलिस कई दिशा में अपने हाथ-पांव मार रही है. गुरुवार को एफआइआर की काॅपी कोर्ट भेजकर सभी गिरफ्तार आरोपितों को जेल भेज दिया गया है. बुधवार को एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव व थानाध्यक्ष शंभु यादव ने होटल अनुराग में छापामारी कर इस पूरे गिरोह के फर्जीवाड़ा से पर्दा उठा दिया था. पुलिस ने मौके से फर्जी दारोगा अनिता देवी, फर्जी सिपाही जूली कुमारी, फर्जी डीएसपी आकाश कुमार, फर्जी मुंशी रमेश कुमार व रसोईया वकील मांझी सहित सफाई कर्मी सुनील हरि को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी. मुख्य आरोपी फरार है.

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तीन टीम का गठन किया गया है : पुलिस ने महिला दारोगा के पास से कट्टा भी बरामद किया था. वहीं पुलिस ने इस मामले में आ‌र्म्स एक्ट, धोखाधड़ी सहित सरकारी कार्य का दुरूपयोग सहित अन्य धारा में मामला दर्ज कर लिया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य सरगना भोला यादव व अलका कुमारी की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम का गठन किया गया है. जिसमें एक टीम की कमान केस के जांचकर्ता सत्यजीत कुमार, दूसरे टीम की कमान सुजीत वारसी व तीसरे टीम की कमान थानाध्यक्ष शंभु यादव को दी गई है. इस पूरे मामले की निगरानी एसडीपीओ डीसी श्रीवास्वत स्वयं कर रहे हैं. इस फर्जीवाड़ा में होटल मालिक व संचालक के ऊपर भी मामला दर्ज किया गया है. पुलिस इनकी भी तलाश में लग गई है .

अनुराग गेस्ट हाउस में चल रहा था फर्जी थाना:बताया जाता है कि यह फर्जी थाना अनुराग गेस्ट हाउस (Fake police station in Anurag guest house) में चलाया जा रहा था. पुलिस को जब पता चला कि गेस्ट हाउस में फर्जी तरीके से कृत्रिम थाने का संचालन हो रहा है तो छापेमारी की गई. इस छापेमारी में फर्जी वर्दी में कई लोगों को पकड़ा गया. सबसे बड़ी बात कि थाने में दारोगा भी थी. दारोगा के किरदार को एक युवती अनिता देवी निभा रही थी. गिरफ्तार अनिता के पास से एक देसी कट्टा भी बरामद किया गया है. अनिता बताती है कि यह कट्टा उसके वरीय पदाधिकारी द्वारा सीखने के लिए दिया गया था. उसकी बहाली झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर हुई है.

पुलिस पर उठे थे गंभीर सवाल: जिले के इस फर्जी थाने ने कई तरह से सवाल पुलिस प्रशासन के सामने खड़े कर दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल ये कि फर्जी थाना कितने दिन से चल रहा था और इसका मुख्य सरगना कौन था?. पुलिस को आजतक इसकी भनक क्यों नहीं लगी? इस संबंध में एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी पुलिस गिरोह का संचालन करने वाला मुख्य सरगना अभी फरार है. जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

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