बांका:जिले में कोरोना से लगातार लोगों की मौत हो रही है. हर रोज दर्जनों लोग संक्रमित हो रहे हैं. सरकार द्वारा कोरोना से बचाव को लेकर जिले में कई संसाधन भी मुहैया कराए गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उपकरणों की सुविधा होने के बावजूद मरीज कोरोना से अपनी जान गंवा रहे हैं या फिर दूसरे जिले में जाकर अपनी जान को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से बांका में लोगों को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही है.
दरअसल, पीएम केयर फंड से मिले चार वेंटिलेटर कोरोना वार्ड में लगे हुए हैं, लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए टेक्नीशियन नहीं है. टेक्नीशियन के अभाव में गंभीर मरीज को मायागंज अस्पताल रेफर होना पड़ रहा है. जहां उन्हें बेड एवं ऑक्सीजन की कमी से दो चार होना पड़ता है. सदर अस्पताल के मैनेजर अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक टेकनीशियन की नियुक्ति नहीं हुई है. जिसके चलते वेंटिलेटर मशीन की सुविधा मरीज को नहीं मिल रही है.
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कोरोना से एक और मरीज ने हारी जंग
कोरोना की वजह से लगातार लोगों की सांसें थम रही है. मंगलवार को भी बाराहाट थाना क्षेत्र के गजंग गांव निवासी 65 वर्षीय महिला की मौत बाराहाट पीएससी में कोरोना से हो गई. बताया गया कि महिला का ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे चला गया है. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन ऑक्सीजन सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से महिला की मौत हो गई. इधर, अमरपुर के बल्लीकित्ता में एक घर के तीन व्यक्ति कोरोना से जंग हार चुके हैं. अब तीनों मृतक के माता-पिता भी मायागंज अस्पताल में जिंदगी की जंग कोरोना से लड़ रहे हैं. बता दें कि जिले में कोरोना से अबतक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना की दूसरी लहर तो और काल बन कर आई है. दूसरी लहर में अप्रैल माह में ही करीब 40 मरीज की जान गई है.
सीएस ने नए उपकरण के लिए बीएमआईसीएल को लिखा पत्र
सीएस डॉ. सुधीर कुमार महतो ने बताया कि नए उपकरण के लिए बीएमआईसीएल को पत्र लिखा है. सीएस ने बताया कि बीएमआईसीएल से 15 बी-पेप मशीन, 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 10 ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर प्राइस की मांग की गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि अस्पताल में जो उपकरण मौजूद हैं, उनका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है. नए उपकरण आने के बाद भी क्या लोगों को उसका लाभ मिलेगा. उपकरण आने के बाद टेक्नीशियन नहीं रहने की स्थिति में उपकरण धूल फांकने की स्थिति में ही अस्पताल में पड़े रहेंगे.