बांका:बिहार केबांका जिले के चांदन प्रखंड अंतर्गत (Crime In Banka) बेलहर थाना के नक्सल प्रभावित चतराहन गांव से अगवा (Doctor Kidnapped By Criminals In Banka) ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल को दो दिनों बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया है. बीते गुरुवार को अपराधियों ने गुरुवार रात घर से अगवा कर लिया था. घटना की जानकारी के बाद से बांका पुलिस लगातार छापेमारी अभियान चला रही है. लेकिन घटना के 48 घंटे बाद भी पुलिस को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है.
इसे भी पढ़ें :नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के आरोपी को पिता ने कोर्ट परिसर के गेट पर गोलियों से भूना
घटना को नक्सलियों ने या फिर अपराधियों ने अंजाम दिया है, इसका पता नहीं चल पाया है. चर्चा फिरौती के लिए अपहरण करने की भी हो रही है. लेकिन डॉक्टर के परिजनों ने किसी से कोई दुश्मनी से भी इंकार किया है. चुनावी रंजिश में अपहरण की भी आशंका जताई जा रही है. बताया जाता है कि, अपहृत चिकित्सक मूलरूप से जमुई जिले के झाझा प्रखंड अंतर्गत रजला गांव के रहने वाले हैं, करीब डेढ़ दशक से बांका के चतराहन गांव में रहकर घूम-घूमकर लोगों का इलाज करते थे. अभी हाल में ही उन्होंने अपना क्लीनिक भी खोल लिया था. डॉक्टर उमेश वर्णवाल अपने बच्चों की शादी के बाद पत्नी के साथ चतराहन में ही रह रहे थे.
अपहृत उमेश वर्णवाल की रेजला बाजार में कीमती जमीन है. जिस पर आधा दर्जन से अधिक दुकानें बनी हुई है.डेढ़ साल पूर्व चतराहन में अपना जमीन खरीद लिया. जहां मकान का निर्माण किया. उसी मकान के आधे हिस्से को क्लीनिक का रूप दे दिया गया. तीन पुत्रियों की शादी हो जाने और छोटी पुत्री के पटना में पढ़ाई करने के कारण पत्नी गांव में अकेली हो गई थी. जिस कारण एक साल पूर्व ही पत्नी को भी चतराहन ही बुला लिया. सभी लोग खुशहाली की जिंदगी जी रहे थे. क्लीनिक में भी मरीजों की दिनभर भीड़ लगी रहती थी. बताया जाता है कि अपहृत का गांव में लोग खूब सम्मान करते थे.