बांका: जिले में पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए सरकार ने 'जल जीवन हरियाली' अभियान की शुरुआत की है. शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के के लिए सरकारी भवनों से लेकर पर्यटन स्थलों को कलाकृति से सजाया जा रहा है. जिला प्रशासन की पहल पर शहर की दीवारों पर अप्लाइड आर्ट के साथ-साथ मधुबनी, मंजूषा, फाइन और रानी आर्ट्स की मिश्रित कलाकृतियों से सजाने का काम किया जा रहा है.
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की कोशिश
पटना की नूरानी आर्ट एंड डिजाइन संस्था के 11 सदस्य ने पेंटिंग का काम शुरू कर दिया है. इस टीम में 8 लड़कियां शामिल हैं. जो शहर के अलावा जिले के पर्यटन क्षेत्रों को पेंटिंग से सजाने का काम कर रही हैं. साथ ही पेंटिंग के माध्यम से 'जल जीवन हरियाली' अभियान के तहत लोगों को प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रही हैं.
दीवार पर उकेरी गईं कलाकृतियां
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दीवारों पर बनाई जा रही है पेंटिंग
टीम में शामिल आर्टिस्ट लूसी खातून ने बताया कि मंजूषा पेंटिंग के जरिए क्षेत्र की कलाकृति को जीवंत करने का प्रयास किया जा रहा है. चिल्ड्रेन पार्क की दीवारों पर योगा के विभिन्न विधाओं को फाइन आर्ट्स, मिथिला, मंजूषा और रानी आर्ट्स को जोड़कर उकेरी जा रही है. कलाकृति की खूबसूरती बढ़ाने के लिए दिवारों पर हाथी, चिड़िया और डॉल्फिन का चित्र भी बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में समाहरणालय और चिल्ड्रन पार्क में काम चल रहा है.
दिवाल पर पेंटिंग करती महिला कलाकार मधुबनी पेंटिंग को दिया जा रहा है बढ़ावा
कलाकृति बना रहे रूपेश कुमार देव ने बताया कि बिहार सहित अन्य प्रांतों के विभिन्न हिस्सों में काम करने का अवसर मिला है. इससे पहले वह भागलपुर के संग्रहालय में भी मंजूषा पेंटिंग बना चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की पहल से खासकर मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.
पेंटिंग से सज रही शहर की दीवारें बिहुला विषहरी में दिखती है मंजूषा पेंटिंग की झलक
मंजूषा पेंटिंग की झलक प्रसिद्ध बिहुला विषहरी की कहानी बयां करती है. भागलपुर बांका सहित अंग प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बिहुला विषहरी की धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है. इसमें तीन रंग लाल, हरा और पीले के साथ ही पांच बेलपत्र, लहरिया, सर्प, मोरवा और त्रिभुज का उपयोग किया जाता है. इसके माध्यम से बिहुला विषहरी की कहानी को कलाकृति के जरिए उकेरी जाती है.