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मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डायलिसिस सेंटर का किया उद्घाटन - बिहार ताजा खबर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सदर अस्पताल बांका में 2 करोड़ 23 लाख की लागत से अत्याधुनिक मशीन से लैस पांच बेड के डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन किया.

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Published : Sep 22, 2020, 6:06 PM IST

बांकाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सदर अस्पताल बांका में अत्याधुनिक मशीन से लैस डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन किया. सदर अस्पताल बांका में 2 करोड़ 23 लाख की लागत से अत्याधुनिक मशीन से लैस पांच बेड का डायलिसिस सेंटर बनाया गया है.

हालांकि सदर अस्पताल में पहले से डायलिसिस होता था. लेकिन मात्र दो बेड रहने की वजह से मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता था और अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था. मजबूरन यहां के मरीज डायलिसिस के लिए दूसरे शहरों की ओर रुख कर लेते थे. लेकिन अब बांका के मरीजों को डायलिसिस के लिए अन्य शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एचआईवी सहित अन्य संक्रमण से जूझ रहे लोगों का बीएफ डायलिसिस बांका सदर अस्पताल में ही हो जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट
डायलिसिस के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा बाहर
बांका सदर अस्पताल डायलिसिस करा रहे मरीज इमान खान ने बताया कि पहले इस अस्पताल में मात्र दो ही बेड था. जिसके चलते नंबर लगाना पड़ता था और नंबर कई दिनों के बाद आता था. इसलिए मजबूरन दूसरे शहर में जाकर डायलिसिस कराना पड़ता था. लेकिन अब अत्याधुनिक मशीन से लैस पांच बेड का डायलिसिस सेंटर चालू किया गया है. अब डायलिसिस के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और ना ही बाहर जाने की जरूरत होगी.

सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में पहले दूसरे एजेंसी की ओर से डायलिसिस सेंटर चलाया जा रहा था और मात्र दो ही मशीन उपलब्ध थे. नेप्रो कंपनी की ओर से 5 मशीन उपलब्ध कराया गया है.

10 मरीजों का रोजाना आसानी से होगा डायलिसिस
अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि एक मरीज का डायलिसिस करने में चार घंटे से अधिक का समय लग जाता है. इसके कारण एक दिन में चार से अधिक मरीज का डायलिसिस पहले नहीं हो पाता था. जिसके चलते मरीजों को नंबर लगाना पड़ता था और देरी होने की वजह से मरीज डायलिसिस के लिए बाहर चले जाते थे. अब सदर अस्पताल में ही आम मरीजों के साथ-साथ एचआईवी सहित अन्य से संक्रमित मरीजों का भी डायलिसिस आसानी से हो पाएगा. उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पहले जहां महीने में 40 से 50 मरीजों का ही डायलिसिस हो पाता था. अब रोजाना 10 मरीजों का डायलिसिस आसानी से हो जाएगा. अब एक बार में चार सामान्य और एक संक्रमित मरीज का डायलिसिस हो जाएगा.

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