बांकाःनवटाेलिया स्थित नूरी मस्जिद के पास मदरसा में हुए विस्फोट ( Blast in Madrasa ) का मामला लगातार उलझता जा रहा है. खबर है कि विस्फोट में मौलवी के साथ एक बच्चे की भी मौत हो गई थी. वहीं करीब आधा दर्जन लोग भी घायल हो गए थे. लेकिन जगजाहिर होने के डर से ग्रामीणों ने उन्हें चोरी-छिपे इलाज के लिए भेजा था. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
घायलों का चोरी-छिपे चल रहा इलाज!
घटना के संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 8 जून की सुबह मदरसे में ब्लास्ट के दौरान मौलवी अब्दुल सत्तार मोमिन के अलावा अन्य लोग भी मौजूद थे. इस हादसे में मौलवी के साथ एक बच्चे की भी मौत हो गई थी. और करीब आधा दर्जन लोग हादसे में घायल हो गए थे. बताया जाता है कि लोग विस्फोट की भयावहता को उजागर नहीं करना चाहते थे, जिस कारण सभी घायलों को चोरी-छिपे दो ऑटो में लादकर मदरसा के पीछे बांध के रास्ते से शंकरपुर होकर इलाज के लिए ले गए थे.
घायलों के शरीर से टपकते देखा था खून
सूत्र बताते हैं कि घटना में मृत बच्चे के परिजन रात में मातम मनाते हैं. उनके घर से रोने की आवाजें आती हैं. वहीं बम ब्लास्ट के बाद मौलवी अब्दुल सत्तार मोमिन को दिल्ली नंबर के ऑल्टो कार से ले जाने की बातें सामने आ रही है. खबर ये भी है कि जिन घायलों को आनन-फानन में ऑटो में लादकर इलाज के लिए ले जाया गया था, उनके शरीर से खून निकलते हुए लोगों ने देखा था. और महत्वपूर्ण बात ये कि इन्हीं कारणों से गांव के अधिकांश पुरुष सदस्य अब भी फरार चल रहे हैं. पुलिस और जांच टीम अब भी इन कड़ियों से काफी दूर है. इस मामले में जांच दलों के हाथ मदरसा का मलबा के अलावा कुछ नहीं लग पाया है.
एनआईए कर रही जांच
बता दें कि मदरसा ब्लास्ट मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ( NIA ) कर रही है. NIA ने लोकल थाने में दर्ज FIR को टेकओवर करते हुए पड़ताल को आगे बढ़ा दी है. इस मामले से जुड़ी स्लीपर सेल और साजिश का एनआईए के द्वारा पर्दाफाश होने की उम्मीद है. बता दें कि इस हादसे में अब तक 33 साल के मौलाना अब्दुल मोबिन की मौत ( Imam killed in blast ) की पुष्टि हुई है.