बांका: जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित भदरिया गांव के समीप चांदन नदी के बीचो-बीच लगभग दो हजार वर्ष पुराना भवनों के अवशेष मिलने से इलाके में कौतूहल का विषय बना हुआ है. इस अवशेष को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. लगभग 50 फीट के क्षेत्रफल में भवनों का अवशेष मिला है. उसकी ईंट की लंबाई 18 इंच और चौड़ाई 9 इंच है. जबकि ईंट ढाई इंची मोटा है.
प्राचीन अवशेष बना कौतूहल का विषय बता दें कि छठ पूजा के दौरान भदरिया के कुछ युवा घाट बनाने के लिए जब चांदन नदी पहुंचे, तो उनकी इस पर नजर पड़ी. इसकी सूचना जिला प्रशासन के पास पहुंची तो एसपी सहित अन्य अधिकारी स्थल पर पहुंचकर अवशेष के साथ छेड़छाड़ ना हो इसके लिए पुलिस जवानों की तैनाती कर दी. साथ ही इसकी सूचना पुरातत्व विभाग को भी दिया गया.
प्राचीन अवशेष पर युवाओं की पड़ी नजर
भदरिया गांव निवासी आनंद पांडे ने बताया कि छठ पूजा के दौरान घाट बनाने के लिए युवा चांदन नदी पहुंचे थे. नदी में पानी कम था. घाट बनाने के लिए मिट्टी हटाने लगे तो प्राचीन भवनों के अवशेष देखने को मिला. बताया जाता है कि भदरिया गांव गौतम बुद्ध के प्रथम शिष्य विशाखा की भूमि रही है. हो सकता है खुदाई के दौरान उनसे जुड़ा कुछ प्राचीन अवशेष मिल जाए. जिला प्रशासन और सरकार इस पर ध्यान दें तो हो सकता है कि खुदाई में गौतम बुद्ध कालीन कुछ दुर्लभ अवशेष मिल जाएं. हालांकि स्थानीय पुरातत्वविद के मुताबिक जो मृदभांड मिले हैं वह लगभग दो हजार वर्ष पुराना गौतम बुद्ध कालीन युग का है.
चांदन नदी में मिले प्राचीन अवशेष पुलिसकर्मी की तैनात
चांदन नदी में मिले अवशेष के साथ छेड़छाड़ न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने पुलिस जवानों की तैनाती कर दी है. प्राचीन अवशेष की देखरेख के लिए तैनात पुलिसकर्मी प्रकाश पासवान ने बताया कि एसपी अरविंद कुमार गुप्ता, एसडीएम मनोज कुमार चौधरी, एसडीपीओ दिनेशचंद्र श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी यहां पहुंचे थे. उन्होंने प्राचीन अवशेष देखने के बाद इसकी सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मी को तैनात कर दिया है. ताकि प्राचीन अवशेष के साथ कोई छेड़छाड़ ना कर सके.
चांदन नदी पर प्राचीन अवशेष को देखने जुटी भीड़ अधिकारी ने पुरातत्व विभाग को दी सूचना
बता दें कि इस अवशेष को देखने के लिए लोगों का हुजूम जुट रहा है जिस कारण एसपी सहित अन्य अधिकारी स्थल पर पहुंचकर अवशेष के साथ छेड़छाड़ ना हो इसके लिए पुलिस जवानों की तैनाती कर दी. वहीं एसडीएम मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि इसकी जानकारी पुरातत्व विभाग को दे दी गई है. जल्द ही पटना से पुरातत्व विभाग की टीम आकर अवशेष की जांच कर इसकी वास्तविक स्थिति का पता लगाएगी.