अरवल: जिले में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहे धरने को संबोधित करने माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत देश में 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने हुकूमत किया. लेकिन अंग्रेजों ने कभी भारतीयों से रहने के दस्तावेज की मांग नहीं की. वर्तमान सरकार की ओर से इस तरह का दस्तावेज मांगा जाना, भारतीय संविधान पर कठोर आघात है.
'जनता की भावनाओं के साथ खेल रहे मोदी'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे देश में शाहीन बाग की तर्ज पर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि लोग बिल के खिलाफ सड़क पर उतर कर अपना विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में विकास का वादा करने वाले नरेंद्र मोदी सरकार देश की जनता की भावनाओं के साथ खेल रही है. भारतीय संविधान से खेलने वाले नरेंद्र मोदी सरकार अगर संविधान को नहीं मानती है, तो देश की जनता भी उन्हें मानने को तैयार नहीं है.