अरवल: वैश्विक महामारी की वजह से लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे अरवल के 35 बच्चे सोमवार देर रात जिला मुख्यालय पहुंचे. हालांकि डीएम के निर्देश पर अधिकारियों की टीम गया रेलवे स्टेशन से ही बच्चों को रिसीव कर ली थी. अरवल पहुंचे छात्र-छात्राओं के चेहरे पर घर पहुंचने की खुशी साफ झलक रही थी. डीएम के निर्देश पर जिला योजना अधिकारी विदुर भारती के नेतृत्व में 35 बच्चों को गया से रिसीव कर अरवल जिला मुख्यालय में लाया गया. जहां उनके मेडिकल चेकअप के लिए कैंप लगाया गया.
अरवल: कोटा से अरवल पहुंचे 35 बच्चे, मेडिकल चेकअप के बाद किए गए क्वारंटीन
राजस्थान के कोटा से अरवल पहुंचे छात्र-छात्राओं का डीएम रवि शंकर चौधरी ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से डरें नहीं, बल्कि खुद भी बचें और लोगों को भी जागरूक करें.
कोटा से अरवल पहुंचे बच्चे
राजस्थान के कोटा से अरवल पहुंचे छात्र-छात्राओं का डीएम रवि शंकर चौधरी ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से डरे नहीं, बल्कि खुद भी बचें और लोगों को भी जागरूक करें. डीएम ने कहा कि वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ा दी गई है. सरकार के प्रयास से कोटा राजस्थान में अध्ययन अरवल के 35 छात्र-छात्राओं को विशेष ट्रेन से रिसीव कर जिला मुख्यालय लाया गया. साथ ही गया रेलवे स्टेशन पर चिकित्सीय औपचारिकता पूरी करने के बाद जिला प्रशासन की ओर से बच्चों का मेडिकल स्क्रीनिंग कराया जा रहा है. जिसके बाद उन्हें होम क्वॉरेंटीन किया जा रहा है.
14 दिन होम क्वारंटीन में रहेंगे छात्र
डीएम, एसपी ने बच्चों को सामाजिक दूरी कर बैठाया और एक-एक कर उनकी मेडिकल जांच कराई. प्रशासन की ओर से उन्हें सैनिटाइजर, मास्क भी उपलब्ध कराया गया. डीएम ने कहा कि बच्चे हमारे जिले के भविष्य हैं. इनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करना होगा. साथ ही 14 दिन होम क्वॉरेंटीन में रहना होगा. मौके पर डीएम, एसपी के अलावा एसडीएम किरण सिंह, एसडीपीओ शशि भूषण सिंह भी मौजूद रहे.