अररिया: मोदी लहर के बावजूद 2014 के लोकसभा चुनाव में अररिया सीट पर आरजेडी ने फतह हासिल की थी. मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को हराया था. मगर तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई और मार्च 2018 में यहां उपचुनाव कराए गए, जिसमें आरजेडी के उम्मीदवार और तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम विजयी रहे.
इस सीट का समीकरण
अररिया सीट आजादी के बाद के शुरुआती दशकों में कांग्रेस का गढ़ बनी रही. इसके बाद जनता दल और फिर बीजेपी ने यहां से जीत हासिल की. वर्तमान हालात में एमवाई समीकरण के कारण आरजेडी की यहां काफी मजबूत स्थिति है.
विधानसभा सीटों का समीकरण
अररिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इनमें नरपतगंज, रानीगंज(सुरक्षित), फारबिसगंज, अररिया, जोकिहाट और सिकटी शामिल हैं. 4 सीट पर एनडीए काबिज है, वहीं एक-एक सीट कांग्रेस और आरजेडी के पास है.
वर्ष 2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से दूरी बनाकर जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ा था. इन हालात में मोदी लहर के बावजूद तस्लीमुद्दीन चुनाव जीत गए थे. तस्लीमुद्दीन को 41 प्रतिशत वोट मिले थे.
- आरजेडी के मो. तस्लीमउद्दीन को 4,07,978 मत मिले थे
- बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को 2,61,474 वोट मिले
- जेडीयू के विजय कुमार मंडल को 2,21,769 मत मिले
- बीएसपी के अब्दुल रहमान को 17,724 वोट मिले थे
- नोटा को 16,608 मत मिले
2018 उपचुनाव का नतीजा
तसलीमुद्दीन के निधन के बाद मार्च 2018 में जब उपचुनाव हुए तो कुल 7 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. लेकिन सीधा मुकाबला आरजेडी के सरफराज आलम और बीजेपी-जेडीयू के संयुक्त उम्मीदवार प्रदीप सिंह के बीच ही हुआ.
- आरजेडी के सरफराज आलम को 5,09,334 वोट मिले
- बीजेपी के प्रदीप सिंह को 4,47,546 वोट मिले
प्रदीप सिंह को 61,788 वोटों से हराकर सरफराज आलम पिता की विरासत बचाने में कामयाब रहे.