अररिया: 'पीएम मोदी और सीएम नीतीश हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर के चले जाते हैं. हम किसानों को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पाती.' ये लफ्ज उन बाढ़ पीड़ित किसानों के हैं, जिनकी खेती तबाह हो चुकी है. बाढ़ के पानी को पार कर ये किसान अपनी तबाह हुई खेती को दोबारा जीवित करने में तो लगे हैं. लेकिन इनका आरोप है कि पिछली बार की तरह इस बार भी इन्हें किसी प्रकार की प्रशासनिक मदद नहीं मिली है.
अररिया जिले के फारबिसगंज के हलहल्या पंचायत के किसानों की माने तो वोट का समय आते ही कई वादे कर जन प्रतिनिधि चले जाते हैं. इसके बाद कोई वादा पूरा नहीं होता. मुख्य जनप्रतिनिधि बाइक से घूमते नजर आते हैं. किसानों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि दिहाड़ी मजदूरों को लाकर खेत में जो धान के बीज की बुआई की थी, वो सब बर्बाद हो गया है. फिर से नया बीज लाकर बुआई कर रहे हैं. इस पूरे नुकसान के बारे में कोई नहीं सोचता.