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अररियाः अजगरा धार पर सालों से टूटा पड़ा है पुल, सांसद तस्लीमुद्दीन ने किया था शिलान्यास

अररिया और जोकीहाट को जोड़ने वाला पुल सालों से अधूरा पड़ा है. यहां लोग रोजाना मुश्किलों भरा सफर तय करने को मजबूर हैं. ये पुल पिछले पांच सालों से सरकारी अनदेखी का शिकार हो रहा है.

टूटा पड़ा पुल
टूटा पड़ा पुल

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Published : Jun 25, 2020, 2:46 PM IST

अररियाःसरकार चाहे विकास के जितने भी दावे कर ले. लेकिन इसकी हकीकत कुछ और है. सरकारी उदासीनता के कारण जिले का एक पुल पांच सालों से अधूरा पड़ा है. जिससे स्थानीय लोग काफी परेशान हैं. जोकीहाट से अररिया जाना यहां के लोगों के लिए मुहाल हो गया है.

सीधा एनएच 327 ई से जुड़ता है ये पुल
दरअसल, जिले के तुरकेलि मोड़ के पास अजगरा धार का ये अधूरा पुल लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. ये पुल जोकीहाट के दक्षिणी भाग के साथ पूर्णिया के रौटा को सीधा जोड़ता है. इस रास्ते से तुरकेलि चौक से सुरजापुर होते हुए सीधा एनएच 327 ई पर पहुंचा जा सकता है. जो जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए आसान रास्ता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चार से पांच महीने बंद रहता है आवागमन
स्थानीय लोगों ने बताया कि ये रास्ता जोकीहाट के दर्जनों पंचायत के लिए आसान है. शिक्षक शोएब ने बताया कि इस रास्ते में पुल के अभाव के कारण चार से पांच महीने आवागमन तकरीबन बंद हो जाता है. ये पुल जब बनना शुरू हुआ तो हम लोगों में उम्मीद जगी थी कि बारिश के दिनों में भी इस रास्ते का हमलोग उपयोग कर पाएंगे, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण अजगरा धार का ये पुल आज भी अधूरा पड़ा है.

2017 कि बाढ़ में इसके दोनों ओर के अधूरे एप्रोच भी ध्वस्त हो गए थे. शिक्षक शोएब ने मायूसी भरे लहजे में कहा कि शायद ही यहां पुल हम अपनी जिंदगी में देख पाएंगे.

टूटा हुआ पुल

सांसद तस्लीमुद्दीन ने किया था पुल का शिलान्यास
2015 में तत्कालीन सांसद स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन ने इस पुल का तामझाम से शिलान्यास किया था. यहां के लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब रास्ता आसान हो जाएगा. लेकिन कुछ दिनों तक निर्माण कार्य तेजी से चला फिर क्या कारण हुआ कि इस पुल का काम बंद हो गया. तब से ये पुल अधूरा पड़ा है.

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अंग्रेजी शासन ने बनवाया था लकड़ी का पुल
वहीं, आजाद एकेडमी स्कूल के सहायक शिक्षक आबिद हुसैन जो जोकीहाट प्रखंड के भंसिया पंचायत के रहने वाले हैं. वो पिछले पैंतीस सालों से रोजाना इसी रास्ते से अररिया आना जाना करते हैं. उन्होंने बताया कि ये कोई नदी नहीं है. कई नदियों और बारिश के पानी से मिलकर अजगरा धार बना है. यहां अंग्रेजी शासन ने लकड़ी का पुल बनवाया था. उसके बाद कई दफा इस पर पुल बनता बिगड़ता रहा.

अजगरा धार पार करते लोग

'पुल बनने से हजारों लोगों का सफर होता आसान'
इसकी शिकायत कई बार स्थानीय विधायक से लेकर सांसद तक की गई. लेकिन इसके बनवाने का कार्य आज तक शुरू नहीं हुआ. शिक्षक आबिद हुसैन ने बताया कि इस पुल को जोड़ने वाली दोनों ओर सड़क के निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है. अगर पुल बन जाता तो हजारों लोगों का सफर आसान हो जाता.

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