बिहार

bihar

ETV Bharat / state

ग्राउंड रिपोर्ट: कॉलेज में 46 की जगह मात्र 6 शिक्षक, प्राइवेट कोचिंग के लिए छात्र मजबूर - अररिया महाविद्यालय

अररिया महाविद्यालय में 5 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पर मात्र 6 शिक्षक हैं. शिक्षकों की कमी के कारण स्टूडेंट प्राईवेट कोचिंग में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं.

अररिया महाविद्यालय

By

Published : Jul 11, 2019, 10:16 AM IST

अररिया: सीमांचल स्थित अररिया जिला स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा है. जिला मुख्यालय स्थित अररिया कॉलेज शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है. आलम यह है कि 6 शिक्षक के कंधों पर 5 हजार स्टूडेंट के भविष्य संवारने का जिम्मा है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत ने महाविद्यालय के अंदर पड़ताल की. स्टूडेंट ने बताया कि शिक्षकों की कमी के कारण कोचिंग में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं. पुराने शिक्षकों के रिटायर्ड होने के बाद यहां मात्र 6 शिक्षक बचे हैं. कॉलेज की हालत भी कुछ ठीक नहीं है. भवन जर्जर हो चुका है. रसायन के प्रयोशाला में शिक्षक नहीं हैं. प्रयोगशाला का सामान जहां-तहां बिखरा पड़ा है

अपनी व्यथा सुनाते शिक्षक

क्लर्क की भूमिका में शिक्षक
स्टूडेंट ने सरकार से शिक्षकों की अविलंब बहाली की मांग की है. हालांकि कॉलेज प्रशासन सरकार से शिक्षकों की मांग लगातार कर रही है. एक शिक्षक ने बताया कि भले हमलोग शिक्षक के रूप में बहाल हुए हैं लेकिन समय पर क्लर्क का भी काम करना पड़ता है. 6 घंटे की जगह 8 से 9 घंटे तक कॉलेज में काम करते हैं. कभी-कभी 12 बजे रात में घर लौटते हैं. विश्वविद्यालय के आदेश पर रात में रूक कर काम करना पड़ता है.

कॉलेज स्टूडेंट

गेस्ट शिक्षकों को नहीं मिला वेतन
वहीं, कॉलेज प्रधानाचार्य डॉक्टर रऊफ अहमद कहते हैं, 'सरकार विश्वविद्यालय को शिक्षक बहाली का आदेश दे.' विश्वविद्यालय की तरफ से कॉलेज को गेस्ट शिक्षक भी मिला. लेकिन सरकार की तरफ से एक महीने का वेतन तक नहीं दिया गया. ऐसे में सरकार से अपील है कि स्टूडेंट के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों को जल्द बहाल किया जाए.

प्रधानाचार्य डॉक्टर रऊफ़ अहमद

जानिए अररिया कॉलेज का हाल

  • कॉलेज के भवन जर्जर हालत में, कभी भी हो सकता है हादसा
  • 46 शिक्षकों के स्थान पर मात्र 6 शिक्षक हैं कार्यरत
  • प्राइवेट कोचिंग संस्थान में पढ़ाई पूरी करते हैं स्टूडेंट
  • क्लर्क का भी काम करते हैं शिक्षक
  • तनख्वाह नहीं मिलने पर संस्थान छोड़ गए 3 गेस्ट टीचर
  • जिले में उच्च शिक्षा के लिए कोई कॉलेज नहीं
  • स्नातक के बाद स्टूडेंट को करना पड़ता है जिले से पलायन

ABOUT THE AUTHOR

...view details