अररियाः हर साल आठ मार्च को महिला के सम्मान में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.महिला दिवस लगभग सभी विकसित व विकासशील देशों में मनाया जाता है.ये दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने औरमहिलाओं को याद करने का दिन है.लेकिनअररिया के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएंइस दिन को जानती तक नहीं हैं.
आज भी गांव की महिलाएं नहीं जानती क्या है महिला दिवस
कई गांव में महिलाएं मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने का बीड़ा उठा रही हैं.
जिले के कई गांव में महिलाएं मेहनत मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए सर पर बोझ उठा रही हैं. कहीं रानी देवी चाय की दुकान चलाकर बच्चों को पाल रही हैं.तो कहीं खेत में खेती करके महिलाएं अपना घर चला रहीं हैं. कहीं ना कहीं इनसभी महिलाओं कीदेश और जिले की तरक्की में भागीदारी है.
क्या है समाजसेविका का कहना
वहीं, समाजसेवी महिला मोनालिसा चक्रवर्ती का कहना है कि अभी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक करने की जरूरत है. उनका कहना है सरकार को चाहिये की इनकी ओर विशेष ध्यान दे. ताकि ये भी महिला दिवस का अर्थ समझ सकें. वरना उनकासामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विकास नहीं हो पाएगा.