अररिया में चचरी पुल से आवागमन करते लोग अररिया:अररिया का एक ऐसा शहरी इलाका जो अपने नाम को चरितार्थ करता है, वह है नगर परिषद के वार्ड नंबर 29 का मारिया टोला. कहने को तो यह इलाका शहरी क्षेत्र में आता है, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. वार्ड नंबर 29 का आधा भाग मारिया टोला के रूप में जाना जाता है. यहां की लगभग 5000 की आबादी परमान नदी के दूसरी ओर रहती है.
बारिश के दिनों में परेशानी:बताया गया कि इस इलाके के लोगों का साल के 3 महीने आना-जाना लगभग बंद सा हो जाता है. यहां के वार्ड पार्षद अब्दुल कलाम ने बताया कि हम लोगों की जिंदगी नर्क के समान है. बारिश के दिनों मे किसी जरूरी काम से शहर आना काफी मुसीबत भरा है. क्योंकि नदी में पानी अधिक हो जाने के कारण नाव भी चलाना मुश्किल हो जाता है.
चचरी पुल के सहारे चल रही लोगों की जिंदगी चचरी पुल के सहारे लोगों की जिंदगी: वार्ड पार्षद ने कहा कि उनलोगों की जिंदगी पानी कम होने के बाद चचरी पुल के सहारे चलती है. मारिया टोला के रहने वाले पैक्स अध्यक्ष मुसर्रत आलम ने बताया के इस परमान नदी पर पुल बनवाने को लेकर लोगों ने कई बार एमएलए, एमपी और नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को कहा, लेकिन आज तक सड़क और पुल नहीं बन सका.
नदी पर पुल बनाने की मांग: वहीं मौके पर मौजूद नगर परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार मिश्र ने बताया कि यह ऐसा शहरी इलाका है, जो सारी सुविधाओं से महरूम है. उस गांव में सुविधाओं का घोर अभाव है. अध्यक्ष ने बताया कि सभी लोग प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आज तक इस पर पुल नहीं बन पाया. अगर पुल बना होता तो बच्चों की पढ़ाई भी बेहतर होती. उन्होंने जिला पदाधिकारी से परमान नदी पर एक पुल बनाने की मांग की है.
नीतीश सरकार पर भड़के अररिया एमपी: इस मामले पर अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार चाहती ही नहीं है कि विकास कार्य हो, नहीं तो परमान नदी का यह पुल और 3 किलोमीटर सड़क कब का बन गय गया होता. कहा कि यह सड़क अगर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से होता तो कब का बन गय गया होता, लेकिन यह सड़क और पुल पीडब्ल्यूडी के अधीन आता है. जिस विभाग के मंत्री बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव है.
"2 साल पहले मैंने इस पर काम शुरू किया था, डीपीआर तैयार है और आज भी उनके टेबल पर वह फाइल पड़ी है. अगर वहां से स्वीकृति मिल जाती तो यह सड़क और पुल का निर्माण शुरू हो जाता. अररिया के मरिया टोला ही नहीं बल्कि जोकीहाट और किशनगंज के लोगों का सीधा रास्ता जिला मुख्यालय तक हो जाता."- प्रदीप कुमार सिंह, एमपी, अररिया
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