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10 सालों से पुल की आस में पथरा गई आंखें, 2014 में सांसद तस्लीमुउद्दीन ने किया था शिलान्यास

Jokihat Ajgra Dhar Bridge: बिहार सरकार के दावे हैं कि राज्य में सड़कों और पुल पुलियों का निर्माण काफी हुआ है. कुछ हद तक ये दावे सही भी हैं, लेकिन शहरी इलाकों को छोड़ दें तो आज भी कई जिलों के ग्रामीण इलाकों में लोग पुल पुलिया और सड़क के लिए बरसों से तरस रहे हैं. आईये आज हम आपको बताएंगे अररिया के पूर्व सांसद तस्लीमुउद्दीन के बेटे और जोकीहाट विधायक सरफराज आलम के इलाके में लोगों की जुबानी उन्हीं की परेशानी..

अजगरा धार पुल
अजगरा धार पुल

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 30, 2023, 9:26 AM IST

Updated : Nov 30, 2023, 10:20 AM IST

10 सालों से पुल की आस में पथरा गई आंखें

अररियाः बिहार के अररिया के जोकीहाट प्रखंड में अधूरा पड़ा अजगरा धार पुल पिछले दस वर्षों से विकास को आईना दिखाता नजर आ रहा है. 2014 में इस पुल का शिलान्यासबड़ी तामझाम के साथ तत्कालीन अररिया सांसद तस्लीमुउद्दीन और जोकीहाट विधायक सरफराज आलम ने किया था. उद्देश्य था कि जोकीहाट के दक्षिण व पूर्वी इलाके के साथ पूर्णिया जिले के अमौर का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से हो जाएगा, लेकिन ये उद्देश्य सिर्फ खियाली पुलाव ही बनकर रह गया.

2014 में हुआ था पुल का शिलान्यासः शिलान्यास के समय स्थानीय रहनुमाओं का कहना था कि लाखों लोगों को इस पुल से बाढ़ के दिनों में लाभ पहुंचेगा, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से ये आज भी अधूरा पड़ा है. 2017 में आई बाढ़ ने इस पुल के साइड एप्रोच को भी तहस नहस कर दिया था. पुल के नहीं बनने से जोकीहाट के तुर्केली, ग़ैरकी, भैंसिया, प्रसदपुर डुमरिया, उदा, महलगांव के आसपास के पंचायतों के लोगों को बारह से पंद्रह किलोमीटर की दूरी ज्यादा तय करनी पड़ती है.

जोकीहाट का अधूरा पड़ा अजगरा धार पुल

10 साल से अधूरा पड़ा है अजगरा पुलः हालांकि शिलान्यास के साथ ही इस पुल का निर्माण कार्य काफी तेजी से शुरू हुआ था, लेकिन कार्य से जुड़े संवेदक ने किस कारण इस पुल को अधूरा छोड़ा इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनने वाले अजगरा नदी के डुमरा कुंड से सुरजापुर होते हुए एनएच 327 ई को सीधा जोड़ ने वाले इस पुल के दोनों ओर सड़क चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन पुल का निर्माण कब होगा ये किसी को पता नहीं है. लोगों की परेशानी आज भी जस की तस बनी हुई है.

नेताओं से गुहार लगाकर थक गए लोगः स्थानीय मौलाना नबी हसन, अब्दुल रउफ राही और महबूब आलम ने बताया कि नदी सुखी होने के कारण लोग खेतों से होकर सड़क तक जाते हैं. बारिश के मौसम में यहां पानी अधिक होने की वजह से कई दुर्घटना भी हो चुकी है. चुनाव के समय सभी नेता ने इस पुल को बनवाने के वादे किए लेकिन इस पर कोई कार्य नहीं हुआ. पुल जस का तस पड़ा है. अब्दुल रउफ ने बताया कि पुल को बनवाने के लिए उन लोगों ने विधायक और सांसद तक से गुहार लगाई गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

"अब ना तो कोई पदाधिकारी इस संबंध में कुछ बोलना चाहते हैं और ना ही कोई जनप्रतिनिधि. यह पुल सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है. पिछले 10 वर्षों से ये अधूरा पुल आने जाने वालों को मुंह चिढ़ाता नजर आता है. पुल नहीं बनने से 10 से 15 किलोमीटर अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता है"- महबूब आलम, स्थानीय बुजुर्ग

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Last Updated : Nov 30, 2023, 10:20 AM IST

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